छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 10 फरवरी से राजिम कुंभ

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में 10 फरवरी से राजिम कुंभ शुरु होने जा रहा है. इसके लिये राज्य शासन ने व्यापक तैयारियां की है. राजिम में महानदी, पैरी और सोंढूर नदी के संगम पर माघ पूर्णिमा के दिन से राजिम कुंभ होता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजिम कुंभ के 12वें साल में इस बार व्यापक स्वरूप में महाकुंभ आयोजित करने का निर्णय लिया है. राजिम महाकुंभ महाशिवरात्रि 24 फरवरी तक चलेगा.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राजिम के त्रिवेणी संगम पर हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक लगने वाले परम्परागत मेले को वर्ष 2005 से राजिम कुंभ के रूप में आयोजित करने का सिलसिला शुरू किया है. राजिम कुंभ शुरू होने से यहां पर लगने वाले माघी पुन्नी मेले को एक नई पहचान मिली है. राजिम कुंभ की ख्याति देश-विदेश में फैल चुकी है.

यहां पर 18 फरवरी से शुरू हो रहे संत समागम में आने वाले साधु-संतों तथा अन्य साधु महात्माओं के लिए कुटीर बनाई गई है. नागा साधुओं के लिए लोमश ऋषि आश्रम को सुरक्षित रखा गया है. संत समागम स्थल के पास ही विभिन्न अखाड़ों के पंडाल लगेंगे.

राजिम आने-जाने के लिए धमतरी, आरंग, कुरूद, रायपुर, मगरलोड, गरियाबंद, महासमुंद से नियमित बस सेवाएं शुरू की गई है. धर्मस्व मंत्री के निर्देशानुसार रायपुर, गरियाबंद और धमतरी जिले के खाद्य विभागों द्वारा मेला स्थल पर 160 दाल-भात खोले गये हैं. दाल भात केन्द्रों में पांच रूपए में भरपेट भोजन मिलेगा. मेला स्थल पर चौबीस घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है. चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के दल मेला स्थल पर नियमित रूप से राउंड लगाते रहेंगे.

महाशिवरात्रि पर्व पर नागा साधुओं सहित अन्य साधु संतों के शाही स्नान के लिए संगम पर शाही कुंड बनकर तैयार है. माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक संगम पर साफ पानी का बहाव शुरू हो गया है. धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर इस साल नवापारा की ओर नेहरू घाट में पानी का बहाव जारी रखने के लिए महानदी में भी पानी छोड़ दिया गया है.

संत समागम में बड़े संतों और प्रवचनकर्ताओं के लिए विशाल पंडाल बनाए गए हैं, जहां 18 फरवरी से 24 फरवरी तक अध्यात्म, आस्था, भक्ति और श्रद्धा की गंगा बहेगी. मेला स्थल की निगरानी करने के लिए एक सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!