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‘आत्महत्या नहीं संस्थागत हत्या’

रायपुर | समाचार डेस्क: रायपुर में मंगलवार को हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मुद्दे पर अम्बेडकर चौक पर एकत्रित होकर शोक तथा विरोध सभा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में 30 से ज्यादा संगठनों ने भाग लिया. इस आयोजन में कहा गया “हम इस मुद्दे को आत्महत्या नहीं बल्कि संस्थागत हत्या समझते है. हम हैदराबाद यूनिवर्सिटी द्वारा दलित छात्रों के उत्पीड़न और उन स्थितयों की कड़े शब्दों में निंदा करते है जिसने इस नौजवान को यह कदम लेने को मजबूर किया.”

इस विरोध सभा का संचालन संजीव खुद्शाह ने किया. सभा में विष्णु बघेल, डॉ. प्रदीप कुमार, धरमराज महापात्र, अरुण पन्नालाल, रामकृष्ण जांगड़े, दुर्गा झा तथा अन्य गणमान्य नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किये. निसार द्वारा कविता पाठ किया. अंत में रोहित वेमुला को मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. तत्पश्चात मौन जुलूस के रूप में व्यथित और आक्रोशित नागरिकगण जयस्तंभ चौक पहुचे और मोमबत्तिया जलाकर दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया. पोस्टर और तख्तियों के माध्यम से नागरिकों ने अपनी भावनाएं रखी. प्रदेश में विशेषकर बस्तर में दलित तथा आदिवासी महिलाओं पर हो रहे सतत अत्याचार का भी मुद्दा उठाया गया. हाल में सुरक्षा बलों के द्वारा बस्तर में आदिवासी महिलाओं के खिलाफ हुई यौन एवं शारीरिक हिंसा का पुरजोर विरोध किया गया.

विरोध सभा ने मांग की है कि दिवंगत रोहित वेमुला के परिवार को बिना विलम्ब के मुआवजा दिया जाए और यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा रोकी गयी सात महीने कि रुकी स्कालरशिप के पैसे को भी दिए जाए.

दलित छात्र कि आत्महत्या से पहले कि स्थितियों के क्रम पर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच काराई जाए और इस में बीजेपी केंद्रीय मंत्री बंडारू दात्त्रेय, यूनिवर्सिटी प्रशासन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों कि भूमिका की पड़ताल की जाए.

दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाये.

अन्य दलित छात्रों का निष्कासन तुरंत रद्द किया जाए.

छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति ने एक प्रेस विज्ञप्त्ति के माध्यम से इसकी जानकारी दी.

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