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नन्हे ने बचाई दोस्त की जान

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 6 वर्ष 8 महीने उम्र के कमलेश प्रधान नामक लड़के ने दोस्ती की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे सुनकर बड़े-बड़े भी हैरान रह जाएं. इस नन्हे बालक ने अपने हमउम्र लड़के शुभम नायक को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर दोस्त की जान बचाई.

दोस्त को बचाने में वह खुद भी झुलस गया, लेकिन अपने मकसद में कामयाब रहा. कमलेश प्रधान को 26 जनवरी को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के हाथों राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

कमलेश प्रधान ने बताया कि वह बड़ा होकर पुलिस अफसर बनना चाहता है. शनिवार को प्रेस क्लब में राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त पांच बच्चे ‘रूबरू’ कार्यक्रम में शामिल हुए.

मास्टर कलमेश जिला रायगढ़, ब्लॉक बरमकेला, पोस्ट सरिया के ग्राम कंचनपुर का निवासी है. उसके पिता गाडाराम प्रधान हैं. कमलेश दूसरी कक्षा का छात्र है.

25 जनवरी, 2015 की दोपहर 12 बजे वह अपने दोस्त मास्टर शुभम नायक (7) के साथ गांव के बाहर खेतों की तरफ गन्ना का रस पीने गया था. गन्ना का रस पीने के बाद दोनों बच्चे खेलते-खेलते घर लौट रहे थे. गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर खेत में गरम राख का ढेर पड़ा हुआ था. मास्टर शुभम नायक गरम राख के ढेर को ठंडा समझकर उस पर खेलने के लिए कूद पड़ा. कूदने के बाद गरम राख के नीचे जल रही आग में उसके दोनों पैर फंस गए. पैरों के जलने से वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा.

उसे चिल्लाते देखकर दोस्त कमलेश प्रधान समझ गया कि शुभम गरम राख में घुटनों तक फंस गया है. वह भी इधर-उधर देखकर अपने दोस्त को बचाने के लिए चिल्लाने लगा, लेकिन आस-पास किसी के न होने और अपने दोस्त को रोते देख उसने बहादुरी और सूझबूझ का परिचय देते हुए एक पैर राख से बाहर और दूसरा पैर गरम राख में रखकर शुभम का हाथ पकड़कर उसे राख से बाहर निकाल लिया.

शुभम के दोनों पैर घुटनों तक आग में झुलस गए थे. इसके साथ ही कमलेश का एक पैर भी आग की चपेट में आकर झुलस गया था. कमलेश ने दौड़कर अपने घर गया और अपने पिता को इस घटना की जानकारी दी.

कमलेश के पिता गाड़ाराय ने शुभम के पिता बलराम नायक को इस हादसे के बारे में बताया. फिर अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और वहां से झुलसे हुए बच्चे शुभम को अस्पताल ले गए, जहां उसका उपचार किया गया.

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