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छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमेन सोनवानी गिरफ्तार

रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले में फंसे छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया गया है. सोनवानी पर पद का दुरुपयोग करते हुए भर्ती में भारी भ्रष्टाचार का आरोप है.

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में सीबीआई ने लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और सचिव जेके ध्रुव के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.

2004 बैच के आईएएस अधिकारी रहे पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह पर कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. इस साल जुलाई में ही सोनवानी समेत पीएससी के कई अधिकारियों के दफ्तर और घर पर सीबीआई ने दबिश दी थी.

धमतरी के सर्वदा के रहने वाले टामन सिंह सोनवानी 1991 में राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गये थे.

इसके बाद 2008 में उन्हें आईएएस अवार्ड किया गया था. उन्हें 2004 बैच दिया गया था.

वे 2 जून 2020 से 8 सितंबर 2023 तक पीएससी के चेयरमैन थे.

मई में दर्ज हुई थी एफआईआर

पीएससी की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप के मामले में इस साल मई 2024 में बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत अधिकारियों और नेताओं के नाम शामिल थे.

राज्य की भाजपा सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी, जिसके चार महीने बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले लिया.

सीबीआई भूपेश बघेल सरकार में हुई पीएससी की सभी भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही है.

पीएससी घोटाले को लेकर इओडब्ल्यू में भी अलग से मामला दर्ज किया गया है.

रिश्तेदारों के चयन का आरोप

सीबीआई की ओर मिली जानकारी के अनुसार, पीएससी के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों, अपने परिचितों आदि की भर्ती की है. ये सभी 2020-2022 के दौरान आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवार थे.

आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष के कथित बेटे का चयन डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे का चयन डीएसपी एवं उनकी बहन की बेटी का चयन लेबर ऑफिसर, उनके बेटे की पत्नी का चयन डिप्टी कलेक्टर तथा उनके भाई की बहू का चयन जिला आबकारी अधिकारी के पद पर किया गया.

इसके अलावा पीएससी के तत्कालीन सचिव के बेटे का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर किया गया.

बालोद के अभ्यर्थी ने दर्ज करवाई थी एफआईआर

गौरतलब है कि पीएससी भर्ती घोटाले में बालोद जिले के अभ्यर्थी ने अर्जुंदा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. उसने अपनी लिखित शिकायत में बताया था कि 2021 में वह राज्य सेवा परीक्षा में शामिल हुआ था.

वह प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करने के उपरांत साक्षात्कार में पहुंचा.

उसका साक्षात्कार भी अच्छा गया था, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ, जबकि कुछ लोग साक्षात्कार कक्ष में घुसते हुए बाहर निकल गए थे, उनका चयन हो गया.

इसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बेटे, बहू, पुत्री और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं. इनके अलावा कांग्रेसी नेता, अधिकारी, कर्मचारी और प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदार भी थे.

अभ्यर्थी की शिकायत पर अर्जुंदा थाने में जालसाजी, साजिश, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया था.

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