भारत के युवाओं में अपार शक्ति: राष्ट्रपति
रायपुर | संवाददाता: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने युवाओं से साहस और दृढ़ विश्वास के साथ दुनिया का सामना करने का आव्हान किया है. प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए यह आव्हान किया.
मुख्य अतिथि की आसंदी समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ का इतिहास और संस्कृति अत्यधिक समृद्धशाली है. यह माता कौशल्या का प्रदेश है और रामायण के महान रचयिता महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि है. छत्तीसगढ़ में कलचुरी वंश के समय से सुशासन और विकेंद्रीकरण का इतिहास रहा है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पंचायत राज व्यवस्था देश की प्राचीनतम व्यवस्थाओं में से है. छत्तीसगढ़ की समृद्ध परम्पराओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें भूत काल के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य के लिए भी कार्ययोजना बनानी चाहिए. उन्होंने इस अवसर पर कहा कि किसी विश्वविद्यालय के लिए 50 वर्ष की अवधि बहुत लम्बी अवधि नहीं होती है किन्तु यह अवसर हमें रूककर सोचने का मौका देता है कि हमने कहां से शुरूआत की और क्या प्राप्त करना शेष है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं अविभाजित मध्यप्रदेश के तत्कालीन प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल को याद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने 34 महाविद्यालयों से शुरूआत की और आज यहां लाखों विद्यार्थी ज्ञानार्जन प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि यह विश्वविद्यालय सेमेस्टर पद्धति लागू करने वाले अग्रणी विश्वविद्यालयों में से है.
उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के युवाओं में अपार शक्तियां है और वे बाहरी दुनिया की सच्चाई का सामना कर सकते हैं. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन और मुख्यमंत्री रमन सिंह , उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, लोकसभा सांसद रमेश बैस और नगर निगम रायपुर की महापौर श्रीमती किरणमयी नायक सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित थे.
दीक्षांत समारोह में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधि प्रदान की गई. समारोह में पीएचडी धारकों को भी उपाधि प्रदान की गई.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वर्ण पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को भी इस अवसर पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश ने, समाज ने आपको शिक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. युवाओं की उपलब्धि समाज की देन है, उन्हें समाज के प्रति अपने कर्त्तव्यों का पालन करते हुए समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए ताकि भारत अग्रणी देशों की पंक्ति में खड़ा हो सके.