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छत्तीसगढ़ के रायपुर में ‘मोदीफ्लू’

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का पोल्ट्री उद्योग जबरदस्त मंदी की चपेट में है. पोल्ट्री फार्मर्स का कहना है कि उनके पास मुर्गी के लाखों अंडे जमा हो गये हैं जो बिक नहीं रहें हैं.

रायपुर जिले में रोज 1.25 करोड़ रुपयों के अंडे तथा करीब 2 करोड़ रुपयों के ब्रायलर बिका करते थे जो अब 20-20 फीसदी का रह गया है. इस तरह से रोज 3.25 करोड़ रुपयों का व्यवसाय करने वाला रायपुर का पोल्ट्री उद्योग महज 65 हजार पर सिमट गया है.

पोल्ट्री वालों का कहना है कि बर्डफ्लू से ज्यादा ‘मोदीफ्लू’ से उऩका उद्योग प्रभावित हो रहा है. दरअसल, नोटबंदी के कारण चिल्हर की समस्या उत्पन्न हो गई है जिससे ग्राहकी कम हो गई है.

रायपुर के आसपास करीब 350 तथा पूरे छत्तीसगढ़ में 700 के करीब पोल्ट्री फार्म हैं सभी की स्थिति कमोबेश एक समान है. यह स्थिति 9 नवंबर से हुई है. उनके ज्यादातर ग्राहक छोटे व्यापारी होते हैं जिनके पास चिल्हर की समस्या के कारण अब ग्राहक नहीं आ रहें हैं.

पहले थोक में एक अंडा 3.75 रुपये में बिकता था जो अब 3.50 रुपये में भी कोई लेने को तैयार नहीं है. आमतौर पर रविवार को अंडे तथा ब्रायलर की बिक्री बढ़ जाती है परन्तु इसका तुलना में रविवार मात्र 20 फीसदी ही बिक्री हुई है.

रायपुर के तेलीबांधा के एक बड़े अंडे व ब्रायलर के विक्रेता ने कहा कि आमतौर पर उनके यहां रविवार के दिन 80 हजार रुपये की बिक्री होती है लेकिन इस रविवार महज 16 हजार रुपये का ही माल बिका है.

इसके अलावा ओडिशा से आने वाले व्यापारी भी कम संख्या में आ रहे हैं. उनके यहां भी ग्राहकों की स्थिति कमोबेश यही है.

बर्डफ्लू से पोल्ट्री उद्योग को जितना नुकसान हुआ था ‘मोदीफ्लू’ से अब वैसा ही नुकसान हो रहा है. पोल्ट्री वालों का कहना है कि अंडे यदि जल्द न बिके तो उनके खराब होने का खतरा है. जिससे उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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