छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की जनता गरीब पर अफसर अमीर

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में भले ही जनता गरीब हैं परन्तु यहां के सरकारी अफसर अमीर हैं. केवल अमीर ही नहीं हैं उनके पास करोड़ों की संपत्ति तथा लाखों की नगदी है. इस बात की पुष्टि छत्तीसगढ़ में 8.4.2016 से 23.9.2016 के बीच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मारे गये छापों से होती है. राज्य की आर्थिक अपराध शाखा ने इन 6 माह में कुल 25 छापे मारे जिनमें से हर सरकारी अधिकारी के यहां से औसतन 3 करोड़ 05, लाख 47 हजार 1 सौ 63 रुपये मूल्य के चल-अचल संपत्ति मिली है.

इन छापों में कुल 76 करोड़ 36 लाख 79 हजार 096 रुपये की संपत्ति मिली है.

इसी तरह इन छापों में 25 अफसरों के यहां से कुल 1 करोड़ 43 लाख 97 हजार 195 रुपये नगद मिले हैं. इन्हीं 25 अफसरों के यहां से औसतन हर एक के पास से 5 लाख 75 हजार 8 सौ 87 रुपये नगद मिले हैं.

गौरतलब है कि ये छापे जिन सरकारी अधिकारियों के यहां मारे गये हैं उनमें अतिरिक्त संचालक, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, संयुक्त संचालक, कुल सचिव, परियोजना अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, पटवारी, अनुभागीय अधिकारी, जिला खनिज अधिकारी, वन विभाग में रेंजर, खाद्य अधिकारी स्तर के अधिकारी ही शामिल हैं.

दूसरे तरफ राज्य के 42 लाख गरीब परिवारों को सरकार की ओर से पेट भरने के लिये एक रुपये किलो में चावल देना पड़ता है.

उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य है. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे की आबादी का आंकड़ा 39.93 फीसदी है (साल 2011-12). छत्तीसगढ़ के गांवों में यह 44.61 फीसदी तथा शहरों में 24.75 फीसदी है.

केन्द्र सरकार द्वारा जारी अपराध अनुसंधान ब्यूरो के 2015 के रिपोर्ट के अनुसार देश के 29 राज्यों में साल 2015 में एंटी करप्शन ब्यूरो तथा विजिलेंस विभाग द्वारा संज्ञेय अपराध के रूप में दर्ज 147 मामलों की जांच नहीं की गई या उनकी जांच बंद कर दी गई है जिसमें से 81 मामलें छत्तीसगढ़ के ही हैं.

राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो के आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में साल 2015 में 70 मामलों की जांच की गई तथा 81 मामलों की जांच या तो नहीं की गई या उनकी जांच बंद कर दी गई है.

error: Content is protected !!