RSS ने ली कुलपतियों की बैठक, विरोध
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ द्वारा कुलपतियों की मीटिंग लेना का विरोध शुरु हो गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के टीएस सिंहदेव ने इसे कुलाधपति याने राज्यपाल के अधिकारों का हनन करार दिया है. टीएस सिंहदेव ने कहा है कि कुलाधिपति होने के नाते कुलपतियों की मीटिंग बुलाना तथा उनके समस्याओं का समाधान करना राज्यपाल का अधिकार है जिसका राष्ट्रीय स्वंक सेवक संघ द्वारा अतिक्रमण किया गया है.
उल्लेखनीय है कि रविवार को राष्ट्रीय स्वंक सेवक संघ के छत्तीसगढ़ के प्रांत संघचालक बिसरा राम यादव ने यह मीटिंग रायपुर के रोहिणीपुरम स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में ली थी. खबरों के अनुसार जिसमें आधा दर्जन कुलपति तथा तीन दर्जन प्रोफेसरों ने भाग लिया था.
प्रांत संघ चालक बिसरा राम यादव और सह-संघ चालक डा. पूर्णेन्दु सक्सेना ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति की मैराथन बैठक लेकर उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना. इसके बाद संघ ने देर शाम उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय को बुलाकर सभी समस्याओं का निराकरण करने को कहा.
उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने छत्तीसगढ़ में पहली बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली. संघ की इस हाईप्रोफाइल बैठक के आयोजन के मुख्य सूत्रधार रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसके पांडे थे.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि आरएसएस ने कुलपतियों की बैठक ली. जिसमें कामधेनू विश्वविद्यालय के मिश्रा, कुशाभाउ ठाकरे के परमार, बस्तर विश्वविद्यालय के चंद्रा, टेक्निकल युनिवर्सिटी के वर्मा, दुर्ग विश्वविद्यालय के दीक्षित, रविशंकर विष्वविद्यालय के पांडेय की बैठक राष्ट्रीय स्वंक सेवक संघ ने ली
कांग्रेस नेता रवीन्द्र चौबे ने कहा कि राज्यपाल बुजुर्ग है लेकिन न तो अस्वस्थ्य है, न ही छुट्टी पर है, न ही संविधान में पावर डेलिगेट करने का राज्यपाल को अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 155-156 के अनुसार सरकार के मुखिया या विभाग के मंत्री यह बैठक ले सकते हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सवाल किया है कि संघ के कार्यालय में यह बैठक क्यों ली गयी? किसने कुलपतियों को आमंत्रित किया था? कौन लोग थे? प्रदेश कांग्रेस कमेटी आग्रह करती है कि राज्यपाल के अधिकारों का हनन किया गया है, अतः स्वयं राज्यपाल इसका संज्ञान ले.
छत्तीसगढ़ के आम आदमी पार्टी के संयोजक संकेत ठाकुर ने सीजीखबर से कहा राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ द्वारा कुलपतियों तथा प्रोफेसरों की मीटिंग बुलाना पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है. किसने संघ को यह अधिकार दिया है कि कुलपतियों बैठक ले.
उन्होंने कहा यह तो शिक्षा का भगवाकरण करने की कोशिश है. इतना ही नहीं यह लोकतंत्र के लिये खतरनाक भी है जब कथित सरकारी दबाव में कुलपति एवं प्रोफेसर एक संगठन विशेष की बैठक में शामिल होते हैं.
आम आदमी पार्टी के संकेत ठाकुर ने मांग की कि इसके लिये बैठक में भाग लेने वाले कुलपतियों तथा प्रोफेसरों पर कार्यवाही होनी चाहिये. उन्होंने संघ पर भी कार्यवाही करने की मांग की है.
छत्तीसगढ़ माकपा के राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि राष्ट्रीय स्वंक सेवक संघ शिक्षा के बारें में अपने विचारों से सरकार को अवगत करा सकती है. परन्तु संघ द्वारा सीधे कुलपतियों तथा प्रोफेसरों की मीटिंग लेना, शाम को शिक्षामंत्री को बुलाकर उऩका समाधान करने को कहना पूर्णतः गलत है. किसने संघ को यह अधिकार दिया है कि सरकारी काम में हस्तक्षेप करें.