छत्तीसगढ़

मानव तस्कर ने महिला पुलिस को धमकाया

दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली में छत्तीसगढ़ की महिला पुलिस अफसर को मानव तस्कर ने धमकी दी. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कथित प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नाबालिकों को बहला-फुसलाकर तथा डराकर अपहरण कर दिल्ली, हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर में बेच दिया जाता है. इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम दिल्ली में अपने महिला अफसर मल्लिका बनर्जी के साथ छापेमारी कर रही है. इससे तंग आकर गुड्डू नाम के बच्चों की तस्करी करने वाले शख्स ने महिला पुलिस अफसर को उनके मोबाईल पोन पर धमकी दी तथा पुलिस के शिकंजे में आ फंसा.

बच्चों की तस्करी करने वाले गुड्डू पर आरोप है कि उसने छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के ज्यादातर आदिवासी बच्चों जिसमें लड़किया भी शामिल है नौकरी दिलाने के बहाने अपहरण करके दिल्ली में बेच दिया था. गुड्डू से मिली जानकारी के अनुसार उसने अब तक करीब 10हजार बच्चों को दिल्ली में ले जाकर बेचा है.

छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला अफसर पिछले दो हफ्तों से दिल्ली के कथित प्लेसमेंट एजेंसियों में छापे मर रही है तथा अब तक 20 बच्चों को बरामद किया जा चुका है. इन बच्चों के तस्करी में लिप्त गुड्डू में महिला पुलिस अफसर को धमकाया कि उसकी इलाके में अच्छी धाक है तथा वह मल्लिका को देख लेगा.

छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला अफसर मल्लिका दिल्ली में बराबर गुड्डू के फोन रिसीव किया करती थी जिससे पुलिस को उसके लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती रहती थी. मानव तस्कर गुड्डू ने मल्लिका बनर्जी को 10लाख रुपयों की घूस देने की पेशकस भी की. जब वह एक ब्रीफकेस में पैसे लेकर आया तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

छत्तीसगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 15 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है जो एक बड़ी सफलता है. गिरफ्तार गुड्डू के खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं.

आरोपी गुड्डू के पास से पुलिस को 700 फॉर्म मिले हैं जिससे पता चलता है कि उसने कई बच्चों को तस्करी करके धिल्ली लाया है.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ को चार हफ्तों में लापता बच्चों का पता लगाने कहा था. बचपन बचाओं आंदोलन की याचिका पर सुनवाई जारी रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया था कि चार हफ्तों के भीतर छत्तीसगढ़ के लापता बच्चों का पता लगाये.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी की लगातार शिकायतों के बीच प्रमुख लोकायुक्त शंभूनाथ श्रीवास्तव ने सितंबर माह में ही कहा था कि जेलों में बंद कैदी अपने साथियों से मानव तस्करी करा रहे हैं. उन्होंने बताया था कि लोक आयोग के पास छत्तीसगढ़ के 6,525 बच्चों के लापता होने की शिकायत आई है. अधिकांश मामलों में बच्चों से भीख मंगवाया जा रहा है. श्रीवास्तव ने कहा था कि इसके लिए रेलवे स्टेशन को ठिकाना बनाया गया है. इसे रोकने में जीआरपी कमजोर नजर आती है. मानव तस्करी के गैंग को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है.

प्रमुख लोकायुक्त ने मानव तस्करी रोकने के उपायों को लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए यह बात कही थी. पिछले 10-15 वर्षो से यह अपराध कुछ संगठित संस्थाओं द्वारा सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है. यह विषय इतना गंभीर है कि स्वयं सर्वोच्च न्यायालय इसकी निगरानी कर रहा है.

उन्होंने बताया था कि छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में मानव व्यापार की शिकायतें ज्यादा आ रही हैं. इन तीनों राज्यों में सरकार और प्रशासन निश्चित रूप से इसकी रोकथाम के लिए लगातार सजग और सतर्क है.

ज्ञात रहे कि महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कृष्णा तीरथ ने 6 मार्च को राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में लिखित जानकारी देते हुए बताया था कि पिछले तीन वर्षे में देश में दो लाख 36 हजार 14 बच्चे लापता हुए जिनमें से 75808 बच्चो की अब तक तलाश नहीं की जा सकी है. तीरथ ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2009 से लेकर 2011 तक देश में कुल मिलाकर दो लाख 36 हजार 14 बच्चे गायब हो गए. उनमें से एक लाख 60 हजार 206 बच्चो की तलाश कर ली गई है जबकि 75808 बच्चे अभी भी लापता हैं.

मंत्री कृष्णा तारथ ने अपने लिखित जवाब में बताया था कि आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में कुल 11536 बच्चे गायब हुए जिनमे से 2986 बच्चों के बारे में अब तक पता नहीं चल सका है.

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