छत्तीसगढ़

शहीद परिवार को नोटिस देने वाला निलंबित

रायपुर | संवाददाता:शहीद से पैसे की रिकवरी का नोटिस देने वाले आरआई को निलंबित कर दिया गया है. वहीं गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र लिख कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिये कहा है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक माओवादी हमले में मारे गये जवान किशोर पांडेय के परिजनों से सरकार द्वारा अंतिम संस्कार में खर्च किये गये 10 हज़ार रुपये वापस करने के लिये नोटिस थमाया था. ये नोटिस ऐसे समय में थमाया गया था, जब छत्तीसगढ़ में तीन दिन में चार माओवादी हमलों में पुलिस के 13 जवान मारे गये हैं.

राज्य के गरियाबंद ज़िले में 23 मई 2011 को गरियाबंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार को सोनाबेड़ा के करीब सोसिंग गांव में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद पवार अपने नौ अन्य सहयोगियों के साथ नक्सलियों को पकड़ने के लिए रवाना हुए थे. पुलिस दल जब सोसिंग गांव जा रहा था तो आधारगांव के करीब उनकी गाड़ी खराब हो गई. मजबूरी में पुलिस दल को सोनाबेड़ा गांव से ट्रैक्टर मंगवाना पड़ा और आगे नहीं बढ़कर वे आमामोरा गांव की तरफ चले गए.

नक्सलियों को पुलिस दल की गाड़ी खराब होने की जानकारी मिल गई और सोनाबेड़ा से लगभग एक किलोमीटर दूर उन्होंने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला कर दिया, जिसमें सभी 9 लोग मारे गये थे.

इन मारे गये लोगों में किशोर पांडेय भी शामिल थे.

अब सोमवार को मारे गये जवान किशोर पांडेय के भाई कौशल पांडेय को गरियाबंद ज़िले के रक्षित निरीक्षक ने एक नोटिस जारी करते हुये कहा था कि अंतिम संस्कार एवं कफन-दफन हेतु तत्कालिक रुप से अशासकीय निधि वेलफेयर फंड से अग्रिम 10 हज़ार रुपये आपके परिवार को दिया गया था…तत्संबंध में तत्काल उक्त मद में राशि जमा करने का कष्ट करें.

इसकी खबर जैसे ही मीडिया में फैली, सरकार ने आनन फानन में इस नोटिक को रद्द करने की बात कही. साथ ही नोटिस जारी करने वाले आरआई को भी निलंबित कर दिया गया. साथ ही एसपी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

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