बड़े उद्योगों ने पानी का पैसा नहीं दिया
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नोवा आयरन तथा मोनेट इस्पात पर पानी का भारी बिल बकाया है. बिलासपुर के नोवा आयरन एंड स्टील लिमिटेड पर 8017.61 लाख रुपये बकाया है. इसी तरह से रायपुर के मंदिर हसौद के मोनेट इस्पात लिमिटेड पर भी 845.79 लाख रुपये पानी का बकाया है. नोवा आयरन को मोतिनपुर एनीकट तथा मोनेट इस्पात को मुनरेठी एलीकट क्रमांक 1 से पानी दिया जाता है. मोनेट इस्पात को अनुबंध का धारा के अनुसार नोटिस जारी किया गया है तथा नोवा आयरन का केस छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में विचाराधीन है.
इतना ही नहीं इण्ड सिनर्जी लिमिटेड कोटमार का 5089.70 लाख रुपये तथा सालासर स्टील एंड पावर का 1986.25 लाख रुपये बकाया है. इन दोनों उद्योगों को विभाग द्वारा कोर्ट केस के पहले प्रतिमाह नोटिस जारी किया जाता है परन्तु दोनों ने ही एनीकट से पानी तो लिया है परन्तु पैसा नहीं दिया. फिलहाल मामला अदालत में विचाराधीन है. इन दोनों उद्योगों को रायगढ़ के एनीकट से पानी दिया जाता है.
इसी तरह से छत्तीसगढ़ के नदियों से एनीकट बनाकर जिन निजी उद्योगों को पानी दिया जा रहा है उनकी निम्न राशि अब तक बकाया है-
एसकेएस इस्पात, रायपुर- 105.48 लाख रुपये
बजरंग इस्पात एंड पावर, रायपुर- 44.61 लाख रुपये
जायसवाल निको, रायपुर- 94.48 लाख रुपये
सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स, रायपुर- 182.88 लाख रुपये
लाफार्ज सीमेंट, बलौदाबाजार- 27.68 लाख रुपये
साउथ एसियन एग्रो लि. बलौदाबाजार- 67.01 लाख रुपये
भाटिया वाइन प्राइवेट लिमिटेड- 667.25 लाख रुपये
आर्यन कोल बेनेफिकेशन, कसाईपाली- 514.827 लाख रुपये
आर्यन कोल बेनेफिकेशन, कसाईपाली- 34.377 लाख रुपये
स्पेक्ट्रम कोल एंड पावर, रतिजा- 195.840 लाख रुपये
मारुति क्सीन कोल एंड पावर, बांधाखार- 51.322 लाख रुपये
एसएसपी स्टील- 10.50 लाख रुपये.