बिजली संकट की आशंका
कोरबा| समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित एनटीपीसी के विद्युत संयंत्र इन दिनों कोयला संकट से जूझ रहे हैं. एनटीपीसी के पास मात्र दो दिन का कोयला है. नियमत: विद्युत संयंत्र के भंडार में हमेशा 15 दिनों का कोयला रखने का प्रावधान है. मगर एसईसीएल से मांग के अनुरूप 45 हजार टन कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
संयंत्र को इस समय 35 हजार टन कोयला रोजाना मिल रहा है, जिसकी पूरी खपत हो जाती है. कोयला आपूर्ति की मात्रा नहीं बढ़ने या बाधित होने पर संयंत्र को बंद करने की नौबत आ सकती है. इससे देश के बड़े इलाके में अंधेरा छा सकता है.
एनटीपीसी, कोरबा के महाप्रबंधक प्रकाश तिवारी ने बताया कि मांग के अनुरूप कोयला नहीं मिल पा रहा है. गेवरा से मात्र 35 हजार टन कोयला मिल रहा है, जबकि संयंत्र में कोयला खपत 45 हजार टन के करीब है. कम कोयला मिलने के संबंध में लिखित व मौखिक रूप से मुख्यालय को जानकारी दी गई है.
एनटीपीसी, कोरबा संयंत्र को एसईसीएल के गेवरा क्षेत्र से कोयला आपूर्ति की जाती है. एनटीपीसी की विभागीय मालगाड़ी द्वारा प्रतिदिन लगभग 45 हजार टन कोयला की आपूर्ति संयंत्र में की जाती है.
लगभग 2600 मेगावाट वाले कोरबा संयंत्र की सभी इकाइयां जब परिचालन में रहती है तो 43 से 44 हजार टन कोयला रोजाना खपत होता है. विगत एक माह से कोरबा संयंत्र में गेवरा खदान से कोयले की आपूर्ति बाधित हुई है. इस समय स्थिति यह हो गई है कि संयंत्र के पास मात्र दो दिनों का ही कोयला है.
एनटीपीसी के सीपत संयंत्र में भी कोयला आपूर्ति बाधित हुई है. सीपत संयंत्र को एसईसीएल के दीपका क्षेत्र से कोयला आपूर्ति की जाती है. विगत कई दिनों से एसईसीएल से मात्र 27 हजार टन कोयला ही सीपत संयंत्र को दिया जा रहा है.
कोरबा व सीपत सहित एनटीपीसी की अन्य सात इकाइयां भी इन दिनों कोयला संकट से जूझ रही हैं. एनटीपीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक अरूप राय चौधरी ने केंद्र सरकार को कोयला संकट से अवगत कराते हुए आपूर्ति बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
गेवरा क्षेत्र के प्रभारी महाप्रबंधक एके उदानिया ने बताया कि कोयला उत्पादन में ज्यादा कमी नहीं आई है. एनटीपीसी द्वारा कोयला उठाव नहीं किए जाने से उत्पादन कम करना पड़ा है. दो दिनों से एनटीपीसी 25-25 हजार टन कोयला का उठाव कर रहा है. बारिश से उत्पादन में थोड़ा असर पड़ता है, लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है.
दीपका क्षेत्र के महाप्रबंधक बीके मिश्रा बताते हैं कि सीपत संयंत्र को 27 हजार टन कोयला दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी की सीपत इकाई बाहर से भी कोयला मंगाती है, इसलिए फिलहाल संकट जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है.