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छत्तीसगढ़: कुपोषण से बच्ची की मौत

अंबिकापुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के बतौली में कुपोषण से एक 1 माह की बच्ची की मौत हो गई है. घटना सोमवार की है जब रविवार रात से हिलडुल नहीं रही बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बतौली में इलाज के लिये लाया गया तो चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया.

बच्ची को उसके परिजन मानपुर से लाये थे. परीक्षण के दौरान चिकित्सक ने पाया कि बच्ची का वजन अत्यंत कम है तथा वह कुपोषण की शिकार है. बताया जा रहा है कि उसकी मां का दूध नहीं उतरता था.

मानपुर निवासी बच्ची के पिता रामफल ने कहा कि उसकी बच्ची को आज तक कोई टीका नहीं लगाया गया है. बच्ची का जन्म घुटरापारा स्वास्थ्य केन्द्र में हुआ था. उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद से ही बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है.

गांव की मितानिन ने एक दिन भी उनसे संपर्क नहीं किया है.

बच्ची की मौत पर बतौली के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. गणेश बेक का कहना है कि बच्ची को और पहले अस्पताल लाना था. बच्ची ने रविवार रात से ही हिलना-डुलना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा इससे परिजनों की लापरवाही व अज्ञानता उजागर होती है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शिशु मृत्यु दर के मामलें में गोवा, गुजरात जैसे राज्यों से पिछड़ा हुआ है. केन्द्र सरकार द्वारा जुलाई 2016 में जारी किये गये आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में प्रति हजार जन्म में शिशु मृत्यु दर 43 है जबकि गोवा तथा गुजरात में 10 एवं 35 है.

छत्तीसगढ़ के गांवों में शिशु मृत्यु दर 45 तथा शहरों में 34 है. जाहिर सी बात है कि शिशु मृत्यु दर के मामलें में देश में पिछड़ जाने से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान लग गये हैं.

शहरों की तुलना में गांवों में शिशु मृत्यु दर का ज्यादा होना इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ के गांवों में जच्चा-बच्चा को शहरों के समान स्वास्थ सुविधायें नहीं मिल पा रहीं है.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के द्वारा तथा राज्य सरकार के द्वारा शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये कई कार्यक्रम चलाये जा रहें हैं, जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिये प्रयास भी जारी है. इसके बावजूद जन्म के समय से कुपोषण की शिकार पर एक माह तक कोई ध्यान नहीं दिया गया. यदि ऐसा किया जाता तो इस बच्ची की जान बचाई जा सकती थी.

एक तरफ राज्य सरकार कठिन भौगोलिक स्थिति के बावजूद भी जन-जन तक मोबाइल की कनेक्टिविटी पहुंचाने का प्रयास कर रही है तो दूसरी तरफ एक बच्ची कुपोषण का शिकार होकर मारी जा रही है.

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