छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: naxal blast में 7 शहीद

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को हुये नक्सली ब्लॉस्ट में सीआरपीएफ के सात जवान मारे गये. नक्सलियों के द्वारा लैंडमाइन बिछाकर किया गया ब्लॉस्ट इतना भयंकर था कि सड़क का नामोनिशान मिट गया उस स्थान पर गढ्ढा हो गया. सीआरपीएफ के 230वीं बटालियन के जवान जिस टाटा 407 में जा रहे थे उसके इंजन तथा चक्के तक अलग-अलग बिखर गये. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री अजय चंद्राकर के कथन के अनुसार थोड़ी सी मानवीय भूल के कारण नक्सली इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने में सफल रहे. उल्लेखनीय है कि उस इलाकें में नक्सलियों को काफी हद तक सीमित कर दिया गया था. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए. इस घटना के मद्देनजर गृहमंत्री अजय चंद्राकर ने आपात बैठक बुलाई.

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन एवं मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मेलावाड़ा के पास नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट की विधानसभा में कड़ी निंदा की और जवानों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया.

सीआरपीएफ के डीआईजी पी. चंद्रा ने कहा, “जवान छुट्टी से वापस लौट रहे थे. सभी जवान सादी वर्दी में थे. उनके पास हथियार भी नहीं थे. इसी बीच वे दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मेलावाड़ा के पास नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट की चपेट में आ गए. इसमें सात जवान शहीद हो गए और दो घायल हो गए.”

सूत्रों के अनुसार, बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के सात जवान एएसआई डी. विजय राज, हेड कांस्टेबल प्रदीप तिर्की, कांस्टेबल रंजन दास, कांस्टेबल देवेन्द्र चौरसिया, कांस्टेबल नाना उदे सिंह, कांस्टेबल रूप नारायण दास और कांस्टेबल मृत्युंजय मुखर्जी शहीद हो गए. वहीं दो जवान घायल हो गए. जवान सीआरपीएफ की 230वीं बटालियन के थे.

सूत्रों के अनुसार, विस्फोट इतना जबरदस्त था कि जिस वाहन से जवान यात्रा कर रहे थे, उसके परखच्चे उड़ गए. विस्फोट से गाड़ी का इंजन अलग होकर 100 मीटर दूर जा गिरा.

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने दंतेवाड़ा जिले के मैलावाड़ा के समीप नक्सलियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में जवानों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने नक्सलियों की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा है कि उनका यह कृत्य कायराना है.

राज्यपाल ने शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि चाहे सीआरपीएफ के जवान हों, चाहे भारत सीमा सुरक्षा बल, तिब्बत सीमा पुलिस या छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान, ये सभी बस्तर में प्रजातंत्र को बचाने के लिए आए हैं.

उन्होंने कहा, “आज की इस घटना में हमारे इन बहादुर जवानों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए शहादत दी है. मैं उनकी शहादत को सलाम करता हूं.”

मुख्यमंत्री ने नक्सलियों की निंदा करते हुए कहा कि इस देश के प्रजातंत्र को बंदूक की नोक पर बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि जनजाति बहुल बस्तर अंचल के लोगों में विकास की इच्छा शक्ति के आगे नक्सलियों के इरादे कभी सफल नहीं होंगे.

सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री के बंगले में आपात बैठक देर रात जारी रही. बैठक में गृह सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम, पुलिस महानिदेशक ए.एन.उपाध्याय, पुलिस उप महानिदेशक (नक्सल) डी.एम. अवस्थी सहित पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे.

एक नज़र छत्तीसगढ़ में माओवादियों के किए सात बड़े हमलों पर-

दरभा: 25 मई 2013
बस्तर के दरभा घाटी में हुए इस माओवादी हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 से अधिक लोग मारे गए थे.

धोड़ाई: 29 जून 2010
नक्सल माओवादी कैंप नारायणपुर जिले के धोड़ाई में सीआरपीएफ के जवानों पर माओवादियों ने हमला किया. इस हमले में पुलिस के 27 जवान मारे गए थे.

दंतेवाड़ा: 17 मई 2010
एक यात्री बस में सवार हो कर दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे सुरक्षाबल के जवानों पर माओवादियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था, जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 36 लोग मारे गए थे.

ताड़मेटला: 6 अप्रैल 2010
बस्तर के ताड़मेटला में सीआरपीएफ के जवान सर्चिंग के लिए निकले थे, जहां संदिग्ध माओवादियों ने बारुदी सुरंग लगा कर 76 जवानों को मार डाला था.

मदनवाड़ा: 12 जुलाई 2009
राजनांदगांव के मानपुर इलाके में माओवादियों के हमले की सूचना पा कर पहुंचे पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मियों पर माओवादियों ने हमला बोला और उनकी हत्या कर दी.

उरपलमेटा: 9 जुलाई 2007
एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और ज़िला पुलिस का बल माओवादियों की तलाश कर के वापस बेस कैंप लौट रहा था. इस दल पर माओवादियों ने हमला बोला जिसमें 23 पुलिसकर्मी मारे गए.

रानीबोदली: 15 मार्च 2007
बीजापुर के रानीबोदली में पुलिस के एक कैंप पर आधी रात को माओवादियों ने हमला किया और भारी गोलीबारी की. इसके बाद कैंप को बाहर से आग लगा दिया. इस हमले में पुलिस के 55 जवान मारे गए. (एजेंसी तथा बीबीसी इनपुट के साथ)

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