छत्तीसगढ़: दरभा में जवान मारा गया
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के दरभा में एसटीएफ का असिस्टेंट प्लाटून कमांडर गोलीबारी में मारा गया. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में शनिवार सुबह नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में एसटीएफ के सहायक प्लाटून कमांडर कृष्ण पाल सिंह शहीद हो गए और आरक्षक संतोष सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. नक्सलियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-30 को भी अवरुद्ध कर दिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, दरभा थाने से एसटीएफ की आठवीं एवं नौवीं बटालियन की सर्चिग टीम झीरम घाटी की ओर रवाना हुई थी. थाने से दो किलोमीटर दूर बंजारिन मंदिर के पास नक्सली पेड़ गिराकर मार्ग अवरुद्ध कर घात लगाए हुए जवानों का इंतजार कर रहे थे.
एसटीएफ के जवान जैसे ही पेड़ को मार्ग से हटाने पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. एक गोली सर्चिग टीम के कमांडर के.पी. सिंह के सिर में लगी. इसके बाद जवानों ने भी जमकर गोलीबारी की. मुठभेड़ में एसटीएफ का जवान संतोष सिंह घायल हो गया. उसे मेकाज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों के भी घायल होने की खबर है.
सूत्रों के अनुसार, हमलावर नक्सलियों की संख्या 100 से भी ज्यादा थी. वे झीरम घाटी में पूर्व की तरह फिर से बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन एसटीएफ के जवानों की सूझबूझ व अदम्य साहस ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया.
नक्सलियों ने वारदात को अंजाम देने से पहले शुक्रवार आधी रात को ही पेड़ गिराकर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 को अवरुद्ध कर दिया था और बारूदी विस्फोटों से सड़क को सूखे तालाब में तब्दील कर दिया. इस कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. सड़क के दोनों ओर वाहनों का जमावड़ा लगा हुआ है. यात्री जाम में फंसे हुए हैं. समाचार लिखे जाने तक मार्ग बहाल नहीं हो पाया था.
नक्सलियों ने सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग को भी बड़े-बड़े पेड़ गिराकर अवरुद्ध कर दिया है. इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतार लगी हुई है. भूसारास घाटी के पास नक्सलियों ने सड़क पर गड्ढे भी खोद दिए हैं.
उल्लेखनीय है इसी झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 32 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद 11 मार्च, 2014 को नक्सलियों ने सुकमा जिले के टाहकवाड़ा में घात लगाकर हमला किया था, जिसमें एक ग्रामीण सहित 16 जवान शहीद हो गए थे. नक्सली जवानों के हथियार भी लूट ले गए थे.
शनिवार को नक्सली हमले में शहीद हुए एपीसी कृष्णपाल सिंह मध्यप्रदेश के भिंड जिले के सगरा गांव के निवासी थे. उनके पिता मोहन सिंह राजावत सेना से रिटायर्ड हैं, वे तीन भाइयों में ये सबसे बड़े थे. इनका छोटा भाई भी सेना में है और इस समय जम्मू एवं कश्मीर के लेह में तैनात है.
एक जवान की शहादत और दूसरे जवान के घायल होने की पुष्टि करते हुए बस्तर के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव ने बताया कि इलाके में गश्त तेज कर दी गई है. हमलावरों के संदिग्ध ठिकानों की ओर पुलिस पार्टियां रवाना कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि आसपास के इलाकों व ओड़िशा से लगती सीमाओं को भी सील कर दिया गया है.