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बस्तर में 3 जवान शहीद

रायपुर | संवाददाता:छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के हमले में सीआरपीएफ के 3 जवान मारे गये हैं. इसके अलावा बीजापुर और सुकमा ज़िले में माओवादियों और सुरक्षाबल के बीच मुठभेड़ की खबर है.

यह हमले ऐसे समय में हुये हैं, जब बस्तर में एक दिन बाद लोकसभा चुनाव के लिये मतदान होने हैं.

पुलिस प्रवक्ता दीपांशु काबरा के अनुसार “सीआरपीएफ के जवान मतदान दल को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर लौट रहे थे, उसी समय जगरगुंडा मार्ग के चिंतागुफा के पास बुरकापाल में माओवादियों ने हमला कर दिया.”

माओवादियों के इस हमले में सीआरपीएफ की 85वीं बटालियन के तीन जवान मौके पर ही मारे गये. इसके अलावा 3 जवान घायल हो गये. घायलों में एक की हालत गंभीर है, जिसे इलाज के लिये हेलिकॉप्र्टर से रायपुर रवाना किया गया गया है.

एक दूसरी घटना एर्राबोर इलाके में हुई है. पुलिस के अनुसार माओवादियों ने एर्राबोर मार्ग में बिरला गांव के पास रोड ओपनिंग पार्टी पर भी हमला किया. इस हमले के बाद रोड ओपनिंग पार्टी ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस हमले में कुछ माओवादियों के भी मारे जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस घटना का विस्तृत विवरण अभी नहीं मिल पाया है.

इधर बीजापुर ज़िले के गंगालूर मार्ग में किकलेर गांव के पास संदिग्ध माओवादियों द्वारा लगाए गये एक बम विस्फोट की चपेट में आ कर सुरक्षा बल के तीन जवान घायल हो गये. इनमें से दो जवान रेशमलाल और पुष्पराजन को बेहतर इलाज के लिये रायपुर भेजा गया है.

जिन इलाकों में बुधवार को हिंसक वारदात हुई हैं, वे माओवादियों के मामले में बेहद संवेदनशील मानी जाती हैं. चिंतागुफा, जगरगुंडा, केरलापाल, चिंतलनार जैसे इलाकों में लगातार माओवादी हमले होते रहे हैं.

कुछ साल पहले एर्राबोर में 33 ग्राणीण मारे गये थे. बाद में उसी इलाके में दो एसपीओ समेत चार नागा जवानों को संदिग्ध माओवादियों ने मार डाला था. वहीं 3 सितंबर 2006 को गंगालूर इलाके में सुरक्षा बल के 25 जवानों की माओवादियों ने हत्या कर दी थी.

चिंतागुफा के इलाके में भी माओवादी लगातार हमले करते रहे हैं. पिछले साल जनवरी में माओवादियों ने इस इलाके में सेना के हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया था.

जगरगुंडा से लगे पुअर्ती जंगल के कांचाल में पिछले साल अप्रैल में 15 कथित माओवादी मारे गये थे. नवंबर 2010 में भी पुलिस ने नौ माओवादियों को मार गिराने का दावा किया था.

चुनाव
छत्तीसगढ़ में पहले दौर का मतदान 10 अप्रैल को है, जहां राज्य की 11 में से एकमात्र बस्तर लोकसभा सीट पर गुरुवार को मतदान होना है. यहां से चुनावी मैदान में माओवादियों के ख़िलाफ़ सलवा जुड़ूम चलाने वाले महेंद्र कर्मा के बेटे दीपक कर्मा कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने सांसद दिनेश कश्यप को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. दिनेश कश्यप के भाई की 2009 में माओवादियों ने हत्या कर दी थी. इसके अलावा सोनी सोरी को आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान में उताया गया है.

गुरुवार को होने वाले मतदान के लिये बस्तर के इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सुरक्षाबलों की निगरानी में मतदान दल को एक दिन पहले मंगलवार को अलग-अलग इलाकों में रवाना किया गया है.

आठ अप्रेल को 98 मतदान दलों को रवाना किया गया है. जिनमें नारायणपुर के दो दल, जगदलपुर विधानसभा के 28 दल और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के 68 दल शामिल हैं.

गुरुवार को भी चुनाव आयोग ने 130 मतदान दलों को कड़ी सुरक्षा रवाना किया है. इसके अलावा 496 दलों को भी सीधे मतदान केन्द्र के लिए रवाना कर दिया गया है. चुनाव बहिष्कार का नारा देने लाले माओवादी चुनाव कराने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना निशाना बना रहे हैं.

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