छत्तीसगढ़

मनरेगा में दूभर मातृत्व अवकाश भत्ता

रायपुर | विशेष संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मनरेगा में मातृत्व अवकाश का भत्ता 22.50लाख परिवारों में से 9.62लाख परिवारों को नहीं मिलेगा. मंगलवार को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी नये नियमों के अनुसार पिछले 12 माह में 50 दिन का कार्य करना आवश्यक शर्त है. छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार “महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत ‘मातृत्व अवकाश भत्ता’ का लाभ प्राप्त करने के लिये अब महिलाओं को पिछले 12 माह में कम से कम 50 दिवस का कार्य किया हुआ होना चाहिए. यह लाभ केवल दो जीवित बच्चों तक ही दिया जाएगा. इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर से प्रदेश के सभी सत्ताइस जिलों के कलेक्टरों और जिला कार्यक्रम समन्वकों को भेज दी गई है.”

छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय पर बिलासपुर में रहने वाले तथा राज्य के कई कृषक आंदोलनों का करने वाले नंदकुमार कश्यप ने बताया ” छत्तीसगढ़ के कितने परिवारों को साल में 100 दिनों का रोजगार मनरेगा के तहत दिया जाता है. जारी आदेश के अनुसार महिलाओं को पिछले 12 माह में 50 दिन का काम आवश्यक बताया जा रहा है. जबकि रोजगार परिवार को मिलता है यदि इसे एक सदस्य के रूप में गणना की जाये तो ऐसे बहुत ही कम महिलाएं होंगी जिन्हे यह मातृत्व अवकाश भत्ता मिल सकेगा.”

जाहिर है कि मामला उलझा हुआ लग रहा है तथा इसके लिये मनरेगा के छत्तीसगढ़ के सरकारी आकड़ों पर गौर करने से ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा. छत्तीसगढ़ के मनरेगा के आकड़े कहते हैं कि

वित्त वर्ष 2013-2014 के लिए अवधि के अनुसार प्रदान किया गया रोजगार 7-10-2014

1) 1-10 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार- 2,60,258

2) 11-20 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-3,73,462

3) 21-30 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-3,28,727

4) 31-40 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-2,62,061 (कुल 1 to 4= 9,62,447)

5) 41-50 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-2,42,966

6) 51-60 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-2,09,275

7) 61-70 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-1,56,441

8) 71-80 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-1,39,753

9) 81-99 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-1,93,252 (कुल 1 to 9= 19,04,134)

10) 100 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-9,882

11) 101-150 के बीच कुल उपस्थिति दिन- कार्यरत परिवार-2,77,342

(Total attendance above 150 days) के बीच कुल उपस्थिति दिन-कार्यरत परिवार-59,127

(कुल 5 to 11= 12,88,038)

Grand Total = 22,50,485

कुल उपस्थिति-कार्यरत परिवार-25,12,546

कृषक नेता नंदकुमार कश्यप के कहे अनुसार यदि माना जाये कि परिवार में से केवल एक महिला ने काम किया है तो 9लाख 62हजार 447 महिलाओं को पिछले वर्ष के आकड़ों के अनुसार मातृत्व भताता नहीं मिलने जा रहा है. यदि यह माना जाये कि परिवार के दो लोगों को रोजगार मिला जिसमें से एक महिला थी तो 19लाख 4हजार 134 परिवार अर्थात् 9लाख 52हजार 67 महिलाओं को मनरेगा के तहत छत्तीसगढ़ में मातृत्व भत्ता नहीं मिलेगा.

अब सवाल पूछा जाना चाहिये कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत कितने परिवारों को मातृत्व अवकाश भत्ता मिलने की पात्रता है तो उसका जवाब सरकारी आकड़ों के आधार पर है 3लाख 36हजार 469 जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में 22लाख 50हजार 485 परिवारों ने मनरेगा के तहत काम किया था.

रायुपुर में रहने वाले कृषक नेता संजय पराते से पूछने पर उन्होंने बताया ” मनरेगा को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है फलस्वरूप इसके तहत मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा कम होता जा रहा है.” संजय पराते ने स्पष्ट किया कि मातृत्व अवकाश भत्ता का अर्थ सामाजिक सुरक्षा से है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के तहत जाबकार्डधारी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार तथा स्वस्थ शिशु जन्म को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2013 से ‘मातृत्व अवकाश भत्ता’ योजना की शुरूआत की गई है. योजनांतर्गत ग्रामीण महिलाएं, जिन्होंने मनरेगा के अंतर्गत पिछले 12 माह में कम से कम 15 दिनों तक कार्य किया हो इस योजना का लाभ ले सकती थी. इसे संशोधित करते हुए 15 दिन के स्थान पर कम से कम 50 दिन तक कार्य करना अनिवार्य किया गया है.

संजय पराते ने आगे कहा ” छत्तीसगढ़ में तो किसी को भी मनरेगा का मातृत्व अवकाश भत्ता मिलने नहीं जा रहा है क्योंकि प्रति व्यक्ति 30-35 दिनों से ज्यादा काम साल में कहां किसी को मिल पाता है.”

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