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छत्तीसगढ़ के 36 विधायक निलंबित

रायपुर | छत्तीसगढ़ संवाददाता: विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष कांग्रेस ने झीरम घाटी नक्सल हमले को लेकर भारी हंगामा और नारेबाजी की. विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया. विधानसभा अध्यक्ष को दो बार कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी. नारेबाजी करते हुए कांग्रेस सदस्य गर्भ गृह में चले गए इसके कारण 36 सदस्य कार्रवाई से निलंबित हो गए. हंगामे के कारण पांच दिन का विदाई सत्र दो दिन पहले ही खत्म हो गया.

छत्तीसगढ़ की तीसरी विधानसभा का विदाई सत्र सबसे छोटा सत्र साबित हुआ. विधानसभा का आखिरी सत्र 15 से शुरू होकर 20 तारीख को समाप्त होना था. लेकिन झीरम घाटी नक्सल हमले को लेकर विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने सदन की कार्रवाई नहीं चलने दी. यह पहला मौका है जब सत्र शुरू होने से लेकर अब तक प्रश्नकाल की कार्रवाई भी नहीं हो सकी.

झीरम घाटी नक्सल हमले में कांग्रेस नेताओं की मौत के मामले को लेकर बुधवार को फिर सदन गरम रहा. प्रश्नकाल शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि झीरम घाटी के बारे में हम सदन के अंदर क्या बोलते हैं हमारा दुख दर्द क्या है और भावना क्या है यह कैसे पता चल पाएगा जब उसे बाहर जाने ही नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने अध्यक्ष से पूछा कि क्या अघोषित सेंसरशिप लगी हुई है. यह लोकतंत्र की हत्या है. संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस पर कहा कि श्रद्धांजलि सभा में भी राजनीति करने से ज्यादा खराब बात कुछ नहीं हो सकती. नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे ने कहा कि इस सदन के एक सदस्य की हत्या हुई है. क्या उसका भी जिक्र न करें. आप संसदीय कार्य मंत्री है आपको सरकार को कार्रवाई के लिए बाध्य करना चाहिए. नंदकुमार पटेल की हत्या की जिम्मेदार केवल रमन सिंह की सरकार है.

श्री अग्रवाल ने इस पर कहा कि नंदकुमार पटेल सिर्फ इनके ही नहीं हमारे भी करीबी थे. उनकी हत्या से जितना दुख इनको है उतना हमको भी है. लेकिन सदन में इस प्रकार की बात करना ठीक नहीं है. कांग्रेस सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि सदन की कार्रवाई बाहर न जा सके इसके लिए क्या कोई सेंसरशिप लागू हो गई अगर ऐसा है तो इससे खराब बात कुछ नहीं हो सकती. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सुबह श्रद्धांजलि सभा होती है और शाम को भजिया पार्टी होती है यह किस तरह की श्रद्धांजलि है. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शेम-शेम के नारे लगाए. इस पर सदन में हंगाम और शोर शराबा शुरू हो गया. श्री जोगी ने अध्यक्ष से फिर पूछा कि क्या इमरजेंसी लग गई है या सेंसरशिप लगी हुई है जो यहां कही हुई बात बाहर नहीं जाने दी जा रही है.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोई सेंसरशिप नहीं लगी है जो भी बोल रहे हैं वह अखबारों में छप रहा है. आप कितने भी उद्वेलित हों जो मर्यादा और संसदीय परंपरा है उसको बनाए रखना ही चाहिए. जो असंसदीय शब्द आएगा उसको विलोपित किया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस सदस्यों द्वारा सदन में पेपर लहराने पर भी आपत्ति की. अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया. हंगामा शोर-शराबा नहीं रूकने पर उन्होंने कार्रवाई 10 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी. 10 मिनट बाद कार्रवाई पुन: शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामा होने पर अध्यक्ष ने कार्रवाई दोबारा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

12 बजे के बाद कार्रवाई पुन: शुरू होने पर श्री जोगी ने फिर कांग्रेस सदस्यों के भाषण के अंशों को विलोपित करने पर आपत्ति की. उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में विलोपित करने की प्रक्रिया दी हुई है. उन्होंने अध्यक्ष से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. अध्यक्ष श्री कौशिक ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है जो विलोपन योग्य बातें थी वहीं विलोपित की गई हैं. उसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने शोर-शराबा और नारेबाजी शुरू कर दी. कांग्रेस सदस्य गर्भगृह में चले गए और नेता प्रतिपक्ष समेत सभी 36 सदस्य कार्रवाई से निलंबित हो गए. लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने गर्भ गृह में नारेबाजी जारी रखी.

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