माओवादियों ने तय की शराब की क़ीमत
जगदलपुर| संवाददाता: छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने अब शराब और छिंद रस की क़ीमत तय कर दी है. इसके अलावा माओवादियों ने मुर्गा लड़ाई में अधिकतम सौ रुपये का ही दाव लगाने का फरमान भी जारी किया है. माओवादियों का कहना है कि मुर्गा लड़ाई अब मनोरंजन से कहीं अधिक जुए का मामला हो गया है, इसलिये इस पर रोक की कोशिश के तहत यह फरमान ज़ारी किया गया है.
माओवादियों ने महुए की शराब की क़ीमत 10 रुपये तय की है. इसके अलावा सल्फी और छिंद रस के लिये 2 रुपये प्रति बोतल की क़ीमत तय की गई है. माना जा रहा है कि इतनी कम क़ीमत होने से जो लोग इसके व्यवसाय में लगे हैं, वे इसे छोड़ कर कोई दूसरा काम करेंगे. ऐसे में नशे की लत पर एक हद तक काबू पाया जा सकता है. माओवादियों की ओर से अंग्रेजी शराब पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई गई है.
हालांकि माओवादियों के इस फरमान से आदिवासियों में नाराजगी है. जंगल के इलाकों में रहने वाले आदिवासियों का कहना है कि अपनी सामग्री की क़ीमत तय करने का अधिकार उनके पास होना चाहिये. वैसे भी कोलचूर, भिरलिंगा, परचनपाल, महुपालबरई जैसे कई गांवों और पंचायतों ने खुद ही अपने इलाकों में फैसला लेकर शराबबंदी की है. यहां तक कि इन इलाकों में लांदा और महुआ की शराब बेचने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.