छत्तीसगढ़: पुरुष नसबंदी से भागते हैं
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के पुरुष नसबंदी करवाने से घबराते हैं. आज से 10 साल पहले भी घबराते थे और आज भी घबराते हैं. दिलचस्प ये है कि घबराने वालों की संख्या में इज़ाफा हुआ है तथा 10 साल पहले की तुलना में 4.7 गुना बढ़ोतरी हुई है. इसका खुलासा नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे- 4 से होता है. यह सर्वे 2015-16 के दौरान किया गया था तथा इसकी रिपोर्ट हाल ही में प्रकाशित की गई है.
इस रिपोर्ट के अऩुसार साल 2005-06 में छत्तीसगढ़ में नसबंदी का जो लक्ष्य रखा गया था, उसमें नसबंदी करवाने वाली महिलाओं का आंकड़ा 40.7 प्रतिशत था, जबकि 2015-16 के सर्वे में पाया गया कि 46.2 फीसदी महिलाओं ने नसबंदी का ऑपरेशन करवाया है. महिलाओं में नसबंदी करवाने की संख्या में 5.5 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इसके उलट, साल 2005-06 के दौरान पाया गया था कि 3.3 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी का ऑपरेशन करवाया है जबकि 2015-16 के सर्वे के अनुसार महज 0.7 फीसदी ने ही नसबंदी का ऑपरेशन करवाया है. इस तरह से पुरुषों में नसबंदी करवाने की संख्या में 2.6 फीसदी की गिरावट आई है.
जाहिर है कि परिवार नियोजन की संपूर्ण जिम्मेदारी महिलाओं पर डाली जा रही है. दूसरे राज्यों का हाल भी कुछ अलग नहीं है.
मध्यप्रदेश में साल 2005-06 के सर्वे के समय पाया गया था कि 1.3 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी करवाई है, जबकि 2015-16 के सर्वे के अनुसार मात्र 0.5 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी करवाई है.
गुजरात में 2005-06 में 0.6 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी करवाई थी तो 2015-16 में 0.1 फीसदी ने नसबंदी का ऑपरेशन करवाया है.
हरियाणा में भी पुरुष नसबंदी 0.7 फीसदी से कम होकर 0.6 फीसदी हुआ है. तमिलनाडु में पिछले बार 0.4 फीसदी पुरुषों ने नसबंदी का ऑपरेशन करवाया था. इसके बाद वह शून्य पर आ गया है. पश्चिम बंगाल में भी यह 0.8 फीसदी से गिरकर 0.1 फीसदी पर आ गया है.
आंकड़े बताते हैं कि हर राज्य में महिलाओं पर ही परिवार नियोजन की जिम्मेदारी डाल दी जाती है. छत्तीसगढ़ की हालत भी वही है. अब इसे महिलाओं पर जुल्म माना जाये या समाज का पिछड़ापन? समाज का पिछड़ापन तब कहा जा सकता है जब नसबंदी करवाने के लिये पति-पत्नी तैयार ही न हों. यहां तो नसबंदी के माध्यम से परिवार नियोजन कराने की आपसी सहमति मालूम होती है परन्तु इसकी जिम्मेदारी महिलाओं पर डाल दी जाती है.
कुल मिलाकर मामला महिलाओं को सम्मान तथा समानता देने का है. स्वास्थ्य विभाग के नसबंदी के आकड़े तो मात्र उसका एक उदाहरण भर हैं.
छत्तीसगढ़ के सभी संभाग के साल 2013-14 के आंकड़े उपलब्ध हैं जिस पर गौर करना दिलचस्प होगा.
छत्तीसगढ़ में साल 2013-14 में कुल नसबंदी- 1,28,656
पुरुष नसबंदी- 4,624
महिला नसबंदी- 1,24,032
बस्तर संभाग में कुल नसबंदी- 10,544
पुरुष नसबंदी- 2,030
महिला नसबंदी- 8,514
बिलासपुर संभाग में कुल नसबंदी- 34,151
पुरुष नसबंदी- 764
महिला नसबंदी- 33,387
दुर्ग संभाग में कुल नसबंदी- 36,232
पुरुष नसबंदी- 677
महिला नसबंदी- 35,555
रायपुर संभाग में कुल नसबंदी- 33,554
पुरुष नसबंदी- 1,125
महिला नसबंदी- 32,429
सरगुजा संभाग में कुल नसबंदी- 14,175
पुरुष नसबंदी- 28
महिला नसबंदी- 14,147