छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के महुआ से फ्रांस में ‘पहली धार’

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ का महुआ दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहा है. दुनिया के कई देश, छत्तीसगढ़ के महुआ का आयात कर रहे हैं.

आदिवासियों से राज्य सरकार 30 रुपये प्रति किलो में महुआ फूल की ख़रीदी करती रही है. महुआ प्रसंस्करण केंद्र में महुआ लड्डू, जूस, कुकीज़, अचार आदि भी बनाए जा रहे हैं.

राज्य के आदिवासी इलाकों में महुआ से बनने वाली शराब का भी चलन है. लेकिन पिछले कुछ सालों में आदिवासी आबादी वाले इलाकों में भी रासायनिक शराब का चलन बढ़ा है.

अब दुनिया के दूसरे देशों में छत्तीसगढ़ के महुआ से शराब बनाई जा रही है, जिनमें फ्रांस भी शामिल है. फ्रांस में छत्तीसगढ़ के महुआ से बनी शराब चर्चा में है. फ्रांस की मास्टर डिस्टिलरी महुआ से शराब का निर्माण कर रही है.

कुछ समय पहले ही जाने-माने साहित्यकार अमिताव घोष ने दो बोतलों की तस्वीर इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए इस शराब की जानकारी दी थी. उन्होंने जानकारी दी थी कि यह शराब छत्तीसगढ़ के महुआ से बनी है.

‘माह’ नाम की इस ब्रांड पर हिंदी में दर्ज था-‘पहली धार.’


तस्वीर की दो बोतलों के शीर्ष पर सफेद आवरण में एक हाथी की तस्वीर नज़र आ रही है, जिसकी सूंड इस कदर उठी हुई है, मानो वह मदांध हो.

पिछले साल अगस्त में ही पहली बार कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की अनुमति से छत्तीसगढ़ से महुआ फूल का निर्यात फ्रांस तक किया गया था.

यह महुआ फूल कोरबा, कटघोरा, पसान, पाली और छूरी से संग्रहित किया गया था.

ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी आईआईटी-दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

इस समझौते के अनुसार बस्तर से प्राप्त महुआ के फूल से प्राप्त फ्लेवर युक्त महुआ ड्रिंक के उत्पादन की योजना थी. इसके तहत ‘महुआ’ नामक ब्रांड भी तैयार किया गया. लेकिन इसकी चर्चा कम हुई.

अब ख़बर है कि ब्रिटेन के एक संस्थान ने छत्तीसगढ़ से 750 क्विंटल महुआ का आयात किया है.

ख़बर है कि आरंभिक तौर पर महुआ से बनाये जाने वाले उत्पाद का आरंभिक परीक्षण किया जाएगा.

इसके बाद अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो राज्य से महुआ का नियमित आयात किया जाएगा.

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