छत्तीसगढ़: शराब माफियाओं पर शिकंजा
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग ने बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर तथा रायपुर संभाग में छापेमारी कर 156 शराब दुकानों तथा बारों के लाइसेंस निलंबित कर दिये गये हैं. उल्लेखनीय है कि मंत्री अमर अग्रवाल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के किए गए बाद अब तक के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शराब लायसेंस निलंबन की कार्रवाई की गई. निलंबित दुकानों में 75 देशी और 42 विदेशी मदिरा दुकानों सहित 39 होटल-बार लायसेंस शामिल हैं.
विभागीय अधिकारियों ने आज यहां बताया कि विगत लगभग 20 दिनों में राज्य भर में चलाए गए अभियान के तहत 156 लायसेंसी शराब दुकानों और होटल-बारों के लायसेंस विभिन्न अनियमितताओं के कारण निलंबित किए गए और 69 प्रकरणों में तीन लाख 88 हजार रूपए का जुर्माना भी वसूल किया गया.
छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने बताया कि आबकारी आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा के निर्देश पर विभागीय उड़नदस्ते ने राज्य के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बीती रात जंगलों के बीच स्थित ग्राम बया (विकासखण्ड-कसडोल) और वहां के घने जंगलों में रात भर सघन तलाशी अभियान चलाया.
उड़नदस्ते ने वहां रात भर जंगल में और गांव में सघन तलाशी अभियान चलाया और छापामार कार्रवाई में एक वाहन सहित 807 पेटी देशी मदिरा (लगभग सात हजार 263 लीटर ) मौके पर ही जब्त कर ली गई. जब्तशुदा इस अवैध शराब की कीमत लगभग 14 लाख 50 हजार रूपए है. इसमें से 527 पेटी देशी मदिरा ग्राम बया के एक मकान का ताला तोड़कर जब्त की गई, जबकि 280 पेटी शराब मकान के बाहर खड़े वाहन से जब्त की गई. वाहन क्रमांक सी. जी.-04 जे. बी. 5054 को भी जब्त कर लिया गया. मकान का ताला इसलिए तोड़ा गया कि गद्दीदार द्वारा विवेचना अधिकारी को बार-बार गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था और मकान में ताला बंद होने के कारण उड़नेदस्ते के अधिकारियों को तलाशी में परेशानी हो रही थी.
छत्तीसगढ़ आबकारी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में वाहन चालक देवीप्रसाद यादव और गद्दीदार कार्तिक वर्मा को तत्काल गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हुए एक अन्य गद्दीदार अनिल सिंह की तलाश की जा रही है और उसके खिलाफ पुलिस को एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया है और आबकारी विभाग द्वारा अपने स्तर पर भी इसकी विवेचना की जा रही है. इस मामले में कई बड़े शराब ठेकेदारों की संलिप्तता की आशंका व्यक्त की गई है. आबकारी आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि शराब माफिया और कोचियों की धर-पकड़ के लिए छापामार अभियान जारी रहेगा. भविष्य में भी शराब दुकानों, होटलों और बारों की आकस्मिक जांच की जाएगी. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ कर्तव्य पालन के निर्देश दिए हैं और यह भी कहा है कि लापरवाही पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.
आबकारी अधिकारियों के अनुसार विगत 17 जुलाई से इस महीने की पांच तारीख तक लगभग 20 दिनों में चलाए गए अभियान में जिन 156 देशी-विदेशी मदिरा दुकानों और होटल-बारों को निलंबित किया गया है, उनमें रायपुर जिले की 16, दुर्ग जिले की 37, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की 17, कोरिया जिले की 13, कोरबा जिले की 11, मुंगेली जिले की 10, रायगढ़ जिले की 10 और बालोद जिले की छह दुकानें तथा होटल-बार शामिल हैं.
इस दौरान महासमुन्द जिले में सात, बेमेतरा और जांजगीर-चाम्पा जिले में चार-चार, कबीरधाम और धमतरी में तीन-तीन लायसेंस निलंबित किए गए. राजनांदगांव, बलरामपुर-रामानुजगंज, कांकेर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में दो-दो लायसेंसी दुकानों को निलंबित किया गया. गरियाबंद, सरगुजा, जशपुर, नारायणपुर और सुकमा जिले में एक-एक शराब दुकान के लायसेंस निलंबित किए गए.