रायपुर

छत्तीसगढ़: भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त होगी

रायुपर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्ट्र अधिकारियों की संपत्ति राजसात करने के लिये एक कानून लाने वाली है. जिसका अनुमोदन बुधवार को राजधानी रायपुर में कैबिनेट की बैठक में तय किया गया है. जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में लाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लिए गए जीरो टॉलरेंस के संकल्प के तहत लाया जा रहा है. डॉ. रमन सिंह ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी.

छत्तीसगढ़ विशेष न्यायालय अधिनियम 2015 के अनुमोदित प्रारूप का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस हमारा संकल्प है. इसके लिए हमने कठोर कानून बनाने का निर्णय लिया है.

इसी कड़ी में आज कैबिनेट में विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया. इस विधेयक में लोक सेवकों द्वारा भ्रष्ट साधनों से अर्जित चल-अचल अनुपातहीन सम्पति को राजसात करने का प्रावधान किया गया है. विधेयक में कुल 28 धाराएं शामिल की गई हैं.

डॉ. सिंह ने कहा कि इस विधेयक की एक विशेषता यह भी है कि राज्य शासन द्वारा ऐसे लोक सेवकों की अनुपातहीन सम्पति के मामलों की घोषणा की जा सकेगी और इन घोषणाओं को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी. विधेयक में ऐसे मामलों के लिए विशेष न्यायालय के गठन का प्रावधान किया गया है, जो इस प्रकार के मामलों की सुनवाई करेगा.

इन मामलों का निराकरण एक वर्ष के भीतर किया जाएगा. मामले की जांच के दौरान सम्बधित लोक सेवक की अनुपातहीन सम्पति कुर्क की जा सकेगी, ताकि उसके द्वारा अनुपातहीन सम्पति को अन्य तरीकों से निराकृत करने की आशंका ना रहे.

मुख्यमंत्री ने बताया कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामलों में सम्पति कुर्क करने की पुष्टि एक माह के भीतर विशेष न्यायालय द्वारा की जाएगी. इसके साथ ही विशेष न्यायालय ऐसे अधिग्रहित सम्पति को प्रबंधन के लिए जिला मजिस्टेट अथवा उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति को सौंपा जा सकेगा. अपचारी लोक सेवक को विशेष न्यायालय में सुनवाई का समुचित अवसर दिया जाएगा. प्रभावित व्यक्ति द्वारा विशेष न्यायालय के आदेश के विरूद्ध एक माह के भीतर उच्च न्यायालय में अपील की जा सकेगी.

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