बचपन में सुनी कहानी से बची जान
कोरबा | अब्दुल असलम: बचपन में सुनाई जाने वाली कहानियां शिक्षाप्रद हीं नहीं होती हैं बल्कि उनसे जान पर बन आने पर खुद का बचाव भी किया जा सकता है. इसकी मिसाल छत्तीसगढ़ के कोरबा की गर्भवती महिला शिव कुमारी ने दी है.
छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक गर्भवती महिला ने बचपन में सुनी कहानी की बदौलत अपनी ही जान नहीं बचाई बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे की भी जान बचा ली. मामला बालको नगर थाना के रजगामार चौकी क्षेत्र के केरवा गांव का हैं जहां शिव कुमारी अपने परिवार के साथ रहती हैं.
रविवार की सुबह शिव कुमारी पास के ही जंगल से लौट रही थी तभी उसके पीछे से एक भालू ने हमला कर दिया. शिव कुमारी भालू को देख पहले तो घबरा गई फिर साहस का परिचय दिया. उस संकट की घड़ी में उसे उसके बचपन में सुनी कहानियों ने मदद की.
शिव कुमारी जमीन में लेट गयी और उसने कुछ देर के लिये अपनी सांसे रोक ली इससे भालू ने उसे मरा हुआ समझ लिया तथा वापस जंगल की तरफ भाग गया.
इस प्रकार से शिव कुमारी ने घायल हालत में अपनी और अपने बच्चे की भी जान बचा ली. शिव कुमारी के परिजनों ने घायल हालत में उसे जिला अस्पताल में दाखिल कराया.
भालू के हमले से शिव कुमारी के हाथ और कमर से चोट आयी हैं. डॉक्टर महिला की हालत खतरे से बाहर बता रहे हैं.
बचपन में सुनी कहानी की वजह से शिव कुमारी ने अपने और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचा ली. शिव कुमारी के साहस की चर्चा पूरे इलाके में हो रहा है.