छत्तीसगढ़

बाल अपराधियों का तांडव, अधिकारी निलंबित

 

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने दुर्ग स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह मामले में वहां के परिवीक्षा अधिकारी और प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है. उनका निलम्बन आदेश यहां मंत्रालय से समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी किया गया. श्री पटेल के विरूद्ध निलम्बन की यह कार्रवाई बाल सम्प्रेक्षण गृह में बच्चों की हिंसक गतिविधियों के दौरान शासकीय कर्त्तव्य से उनकी अनुपस्थिति के आरोप में की गई है.

निलम्बन आदेश में कहा गया है कि यदि वे अपने कर्त्तव्य पर उपस्थित रहते तो परिस्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता था.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने रविवार को यहां बताया कि लगभग एक सप्ताह पहले 11 जुलाई को दुर्ग के बाल सम्प्रेक्षण गृह में वहां के रहवासी बच्चों के द्वारा मारपीट और तोड़-फोड़ जैसी हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया गया था.

इस घटना के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के दुर्ग स्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी से विस्तृत प्रतिवेदन प्राप्त किया गया. निलम्बन आदेश में उनके प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि श्री पटेल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को 8 जुलाई से 10 जुलाई तक अवकाश के लिए आवेदन दिया था, जिसे उन्होंने मौखिक रूप से इस शर्त पर स्वीकृत किया था कि श्री पटेल 10 जुलाई की रात तक वापस लौट आएंगे.

श्री पटेल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को इसके लिए आश्वस्त भी किया था. उनके निर्देशों के अनुसार श्री पटेल को 10 जुलाई की रात्रि अथवा 11 जुलाई की सुबह तक अपने कर्तव्य पर उपस्थित हो जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. यदि वे अपने पद से संबंधित कर्त्तव्य पर उपस्थित रहते तो परिस्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता था.

प्रतिवेदन के अनुसार सम्प्रेक्षण गृह में आवास की व्यवस्था होने के बावजूद श्री पटेल वहां निवास नहीं करते हैं, जबकि सम्प्रेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक होने के नाते उनका यह नैतिक दायित्व है कि किशोर न्याय (बालको की देख-रेख एवं संरक्षण) नियम 2007 के नियम 86 का पालन करें और सम्प्रेक्षण गृह में प्रेम, स्नेह सहित घरेलू वातावरण बनाए रखें, लेकिन श्री पटेल अपने दायित्व निर्वहन में असफल रहे.

उनका यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 (1) के विपरीत है. इसके ध्यान में रखकर राज्य शासन द्वारा श्री कमलेश कुमार पटेल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया. विगत पन्द्रह जुलाई को जारी आदेश के अनुसार निलम्बन अवधि में उनका मुख्यालय जगदलपुर स्थित समाज कल्याण विभाग के जिला कार्यालय में निर्धारित किया गया है.

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