छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की जेलों में ढाई गुना कैदी

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से ढाई गुना कैदी भरे हुये हैं. इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि उनकी रहने, नहाने तथा शौच करने की स्थिति क्या होगी. देश के 29 राज्यों में छत्तीसगढ़ में ही अपनी क्षमता से सबसे ज्यादा कैदी जेलों में बंद है. केन्द्र शासित प्रदेशों को मिलाकर छत्तीसगढ़ का नंबर देश में दूसरा है.

छत्तीसगढ़ की जेलों में पुरुष कैदी रखने की क्षमता- 5848 तथा महिला कैदी रखने की क्षमता- 534. इसके उलट छत्तीसगढ़ की जेलों में पुरुष कैदियों की संख्या- 15726 तथा महिला कैदियों की संख्या महिला कैदियों की संख्या- 799 है. इस तरह से 6382 कैदियों की रखने की क्षमता रखने वाले छत्तीसगढ़ के जेलों में 16525 कैदी भरे गये हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ की जेलों में 258.9 फीसदी कैदी रखे गयें हैं. यह ताजा आकड़ा है तथा केन्द्र सरकार के द्वारा जारी किया गया है.

छत्तीसगढ़ में 5 सेट्रल जेल, 10 जिला जेल तथा 13 उप जेल हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 28 जेल हैं. न ही यहां पर महिलाओं के लिये अलग से जेल है न ही विशेष जेल है. जहां तक महिलाओं के जेलों की संख्या है तो देशभर में कुल 18 हैं. जिनमें से आंध्रप्रदेश में 1, बिहार में 1, गुजरात में 1, केरल में 3, महाराष्ट्र में 1, ओडिशा में 1, पंजाब में 1, राजस्थान में 2, तमिलनाडु में 3, तेलंगाना में 1, उत्तरप्रदेश में 1 तथा पश्चिम बंगाल में 2 हैं. केन्द्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली में 1 जेल महिलाओँ के लिये है.

छत्तीसगढ़ के सेंट्रल जेलों में कैदियों की रखने की क्षमता 4228 है जबकि इसमें 11065
कैदी ठूस-ठूसकर भरे गये हैं. इसी तरह से छत्तीसगढ़ के जिला जेलों में 1274 कैदी रखने की क्षमता है जिसके स्थान पर 3351
कैदी रखें गये हैं. छत्तीसगढ़ के उप जेलों में 880 कैदी रखने की क्षमता है तथा रखे गये हैं 2109
कैदी. जाहिर है कि छत्तीसगढ़ के सेन्ट्रल जेलों की हालत सबसे खराब है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की सेन्ट्रल जेलों में 4110 विचाराधीन कैदी, जिला जेलों में 3216 विचाराधीन कैदी तथा उप जेलों में 2034 विचाराधीन कैदी बंद हैं. छत्तीसगढ़ की कुल 28 जेलों में 9360 विचाराधीन कैदी बंद हैं.

इस तरह से छत्तीसगढ़ की जेलों में 56.64 फीसदी विचाराधीन कैदी है जबकि सजायाफ्ता मुजरिमों की संख्या 43.3 फीसदी ही है.

छत्तीसगढ़ की जेलों में 32.3 फीसदी विचाराधीन कैदी 3 माह से बंद हैं, 27.4 फीसदी कैदी 6 माह से, 19.0 फीसदी कैदी 1 साल से, 13.7 फीसदी कैदी 2 साल से, 4.4 फीसदी कैदी 3 साल से, 2.2 फीसदी कैदी 5 साल से तथा 0.9 फीसदी कैदी 5 साल से ज्यादा समय से जेलों में बंद हैं.

साल 2014 में छत्तीसगढ़ के जेलों में 43 कैदियों की साधारण मौतें हुई, 2 ने आत्महत्या कर ली तथा 1 की हत्या अन्य कैदी के द्वारा कर दी गई.

साल 2014 में छत्तीसगढ़ के जेलों का बजट 10188.8 लाख था जिसमें से 8699.1
लाख ही खर्च किये गये.

आकड़े-

1) दादरा और नागर हवेली के जेलों की क्षमता तथा कैदी
पुरुष कैदी रखने की क्षमता- 50
महिला कैदी रखने की क्षमता- 10

पुरुष कैदियों की संख्या- 198
महिला कैदियों की संख्या- 1

कुल क्षमता- 60
कुल कैदी- 199 331.7%

2) छत्तीसगढ़ के जेलों की क्षमता तथा कैदी
पुरुष कैदी रखने की क्षमता- 5848
महिला कैदी रखने की क्षमता- 534

पुरुष कैदियों की संख्या- 15726
महिला कैदियों की संख्या- 799

कुल क्षमता- 6382
कुल कैदी- 16525 258.9%
3) अरुणाचल प्रदेश के जेलों की क्षमता तथा कैदी
पुरुष कैदी रखने की क्षमता- 44
महिला कैदी रखने की क्षमता- 12

पुरुष कैदियों की संख्या- 123
महिला कैदियों की संख्या- 4

कुल क्षमता- 56
कुल कैदी- 127 226.8%
4) दिल्ली के जेलों की क्षमता तथा कैदी
पुरुष कैदी रखने की क्षमता- 5850
महिला कैदी रखने की क्षमता- 400

पुरुष कैदियों की संख्या- 13248
महिला कैदियों की संख्या- 602

कुल क्षमता- 6250
कुल कैदी- 13850 221.6%

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