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छत्तीसगढ़ में आईआईटी के 57% संकाय रिक्त

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आईआईटी की हालत खराब है. आईआईटी में पढ़ाने वालों का टोंटा बना हुआ है. हालत ये है कि आईआईटी में 50 फीसदी भी शिक्षक नहीं हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि संविदा पर कार्यरत लोगों के कारण शिक्षण का काम प्रभावित नहीं हो रहा है.

देश के मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के अनुसार रिक्तियों का होना और उपयुक्त योग्य उम्मीदवार से उन्हें भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है. आईआईटी अच्छी गुणवत्ता वाले संकाय को आकर्षित करने के लिए कई उपाय कर रहे हैं.

लेकिन शिक्षकों की कमी का यह आंकड़ा केवल छत्तीसगढ़ में हो, ऐसा नहीं है. देश के दूसरे राज्यों का भी यही हाल है.वहां भी शिक्षक संकाय के पद खाली हैं.

आज की तारीख में देश भर में कुल 23 भारतीय औद्योगिक संस्थान यानी आईआईटी हैं. यहां स्वीकृत संकाय की संख्या 8,234 है. लेकिन स्वीकृत संकायों के उलट केवल 5,428 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं. 2,806 पद अभी भी खाली हैं. यानी 34 प्रतिशत पद खाली पड़े हुये हैं.

शिक्षण संकायों के मामले में जिन आईआईटी की स्थिति सबसे बदहाल है, उनें आईआईटी बीएचयू भी शामिल है, जहां 548 स्वीकृत पदों की तुलना में केवल 265 पदों पर शिक्षक हैं. यहां 283 पद यानी 51.64 प्रतिशत पद खाली पड़े हुये हैं. इसी तरह आईआईटी तिरुपति में 95 स्वीकृत संकाय के स्थान पर केवल 44 पदों पर संकाय कार्यरत हैं. यहां 51 पद यानी 60 प्रतिशत संकाय खाली हैं. इसी तरह आईआईटी गोवा में 45 स्वीकृत संकाय में से 17 कार्यरत हैं, शेष 28 पद रिक्त हैं, जो स्वीकृत पदों का 62 प्रतिशत है.

छत्तीसगढ़ के आईआईटी भिलाई में स्वीकृत संकाय की संख्या 45 है लेकिन यहां भी केवल 19 पदों पर संकाय कार्यरत हैं. यहां 26 संकाय के पद खाली पड़े हुये हैं. यह कुल संकाय का 57 प्रतिशत है.

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