बाबूलाल होंगे बर्खास्त?
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस बाबूलाल अग्रवाल क्या बर्खास्त किये जायेंगे? प्रवर्तन निदेशालय की ताजा कार्रवाई के बाद ये सवाल प्रशासनिक हलके में तेज हो गया है. हालांकि राज्य सरकार इस पूरे मामले में यह कह कर पल्ला झाड़ रही है कि मामला सीबीआई के पास है और हम इसमें कुछ नहीं कर सकते.
लेकिन अब जबकि बाबूलाल के मामले में सीबीआई का शिकंजा कसता नज़र आ रहा है, तब माना जा रहा है कि राज्य सरकार बाबूलाल अग्रवाल को बर्खास्त करने की दिशा में दिखावे के लिये ही सही, कार्रवाई करने के लिये बाध्य होगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को जिस तरीके से बाबूलाल अग्रवाल की 36 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है, उससे लगता नहीं है कि बाबूलाल इस मामले में बेदाग साबित हो पायेंगे, जैसा कि वो अब तक करते आये हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने बाबूलाल अग्रवाल की संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ उनके पुराने कारनामों को फिर से उधेड़ा है, उससे यह स्पष्ट है कि सीबीआई ने मामले में पर्याप्त सबूत एकत्र किये हैं.
दिलचस्प ये है कि बाबूलाल के खिलाफ इन्हीं मामलों में आयकर विभाग ने सबूत नहीं मिलने का हवाला देते हुये मामले का खात्मा करवाया था. मतलब साफ है कि अगर इस मामले में बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई होती है तो आयकर विभाग के कुछ अधिकारी में लपेटे में आ सकते हैं.
तिहाड़ जेल में बंद बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि 2006 से 2009 के बीच बाबूलाल ने भ्रष्टाचार करके 36 करोड़ की संपत्ति बनाई. 2010 में प्रवर्तन निदेशालय ने बाबूलाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में यह मामला फाइलों में उलझा रहा.
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि बाबूलाल ने भ्रष्टाचार से की गई कमाई को छुपाने के लिये 446 ग्रामीणों के नाम से बेनामी खाता खोल लिया. इन ग्रामीणों को इस बारे में कुछ भी नहीं पता था. बाद में इन्हीं खातों की रकम को अपनी कंपनी में लगवा कर रकम को सफेद करने की कोशिश की गई.