बिलासपुर

छत्तीसगढ़: शव को बनाया बंधक

बिलासपुर | समाचार डेस्क: बिलासपुर के किम्स अस्पताल में शव को बंधक बनाने का आरोप परिजनों ने लगाया है. मिली जानकारी के अनुसार जांजगीर के संतोष सूर्यवंशी का बिलासपुर के जरहाभाटा स्थित निजी अस्पताल किम्स में मंगलवार को मौत हो गई थी. मौत मंगलवार शाम को सात बजे हुई थी परन्तु बिल ने देने के कारण शव को मरच्यूरी में रखवा दिया गया. अगले दिन बुधवार दोपहर को परिजनों द्वारा बवाल करने पर शव दिया गया.

वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की मृत्यु के बाद शव को सुरक्षार्थ फ्रीजर में रखवाया गया था. पुलिस को सूचना दी गई थी. शव बंधक बनाए जाने की बात गलत है.

जांजगीर निवासी मोहन सूर्यवंशी का कहना है कि उसका भाई संतोष सूर्यवंशी 21 वर्ष रंग रोगन का कार्य करता था. रविवार को काम करते समय वह सीढ़ी से नीचे गिर गया. जिससे उसके सिर व हाथ में चोटें आईं. उसके दोनों हाथ टूट गए थे. उसे जांजगीर जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे सिम्स रिफर कर दिया गया. सिम्स के डाक्टर ने भी उसकी स्थिति को देखते हुए निजी हास्पिटल में इलाज कराने की सलाह दी.

रविवार अक्टूबर की शाम वह अपने भाई को इलाज के लिए किम्स लेकर गया. घायल संतोष सूर्यवंशी का परीक्षण कर प्रबंधन ने इलाज में 60 हजार रुपए खर्च आने की जानकारी दी. उन्होंने घायल भाई को स्वस्थ कर देने का आश्वान दिया. उसने किम्स में भाई को इलाज के लिए भर्ती कर दिया. उसे मंगलवार की शाम 7 बजे संतोष की मृत्यु होने की सूचना दी गई और शव मरच्यूरी में रख दिया गया.

उससे कहा गया कि इलाज में हुए खर्च के बिल का भुगतान कर दे. वह काउंटर में गया तो उसे 97 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया. बिल का भुगतान करने पर शव देने की बात कही गई. उसने इतनी राशि का भुगतान कर पाने में असर्मथता जताई. इस पर प्रबंधन ने बिल की राशि भुगतान करने पर शव देने की बात कहते बंधक बना लिया.

बुधवार को मोहन भाई के शव के लिए प्रबंधन के सामने गिड़गिड़ाता रहा किन्तु प्रबंधन भुगतान पर अड़ा रहा. शव बंधक बनाने की खबर पर बड़ी संख्या में उसके रिश्तेदार व दोस्त हास्पिटल पहुंच गये. इन सभी ने अधिक बिल बनाने का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा मचाया. उसके बाद दोपहर में हास्पिटल की ओर से जीरो बिल पर शव परिजन को सौंपा गया.

पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद शाम 5 बजे परिजन को सौंपा. उसके बाद लोग शव लेकर जांजगीर रवाना हुये. हास्पिटल प्रबंधन के अड़ियल रवैये से मृतक का आज अंतिम संस्कार नहीं हो पाया.

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