हाईकोर्ट ने सुनाये 49 रुके हुये फैसले
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में पहली बार एक साथ 49 मामलों में फैसला सुनाया गया. इसमें 46 क्रिमिनल रिविजन और तीन सिविल मामले थे.
हाईकोर्ट में एक साथ इन प्रकरणों की सुनवाई के दौरान बलौदाबाजार जिले के ग्राम नेवारी के 51 आरोपियों की 30 अपील भी शामिल थीं. इस बहुचर्चित मामले में नेवारी के सरपंच डाकेश्वर उर्फ भोलाराम का गांव के लोगों से कुछ मुद्दों पर विवाद था. इसी रंजिश पर गांव के 78 लोगों ने 11 जनवरी 2008 की दोपहर को सरपंच के घर को घेर लिया. सरपंच वहां से बचने के लिए भागा तो लगभग तीन किलोमीटर तक लोगों ने उसे दौड़ाया. सरपंच किसी तरह से दोबारा घर पहुंचकर छिप गया.
लेकिन लोगों ने उसे खींचकर निकाला और टंगिया आदि से उसे घायल करने के बाद मिट्टीतेल छिड़क कर जिंदा जला दिया. पुलिस ने सभी 78 को हत्या और बलवा के आरोप में गिरफ्तार किया. निचले कोर्ट में ट्रायल के बाद 28 को बरी कर दिया गया. 50 लोगों को निचले कोर्ट ने दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
सजा के खिलाफ सभी 50 अभियुक्तों ने हाईकोर्ट के समक्ष 30 अपील प्रस्तुत कीं. 49 प्रकरणों के साथ इन अपील पर भी सुनवाई हुई.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि इस घटना में पांच अभियुक्त तिजऊ, नेतराम, बल्ला, जागेश्वर, सखाराम की भूमिका प्रमुख थी. साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उनकी सजा कायम रखी. शिवचरण, साधराम सहित 45 की सजा कोर्ट ने कम कर आठ-आठ साल कर दी है.
हाईकोर्ट में पहले भी समान प्रकृति के मामलों को निराकृत करने या आदेश के लिए एक साथ लिस्ट कर सुनवाई की जाती रही है. कोर्ट ने सभी 49 मामलों को एक साथ फैसले के लिए लिस्ट किया था. इस वजह से इन मामलों को लेकर वकीलों के बीच भी उत्सुकता थी.
एक साथ लगे इन प्रकरणों में तीन सिविल के मामले भी थे. इसमें से एक प्रकरण रायपुर के एमपी आयल एक्सट्रेक्शन लिमिटेड का भी था. इस कंपनी ने गुणवत्ता की कमी के कारण तेल आपूर्ति का अनुबंध खत्म करने के आधार पर अपील की थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कंपनी की अपील खारिज कर दी. हालांकि रायपुर के ही हेमंत कुमार देवांगन की जमीन खरीदी-बिक्री में हुए घोटाले को लेकर दायर अपील स्वीकार कर ली.
गुरुवार को अदालत के इन फैसलों को लेकर दिन भर चर्चा बनी रही.