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रायपुर सब्जी बाजार में मची लूट: एसोचैम

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सब्जियों के थोक एवं खुदरा मूल्य में 50.29 फीसदी का अंतर है. तात्पर्य यह कि रायपुर में सब्जियों को थोक बाजार से जिस मूल्य पर खरीदा जाता है उससे 50 फीसदी ज्यादा मूल्य पर उन्हें खुदरा बाजार में बेचा जाता है. जब राजधानी रायपुर में ठीक प्रशासन की नाक के नीचे ऐसी लूट मची हुई हो तो राज्य के दूसरे हिस्सों के हाल का सहज अनुमान लगाया जा सकता है. व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन एसोचैम के एक अध्धयन से इसका खुलासा हुआ है.

रायपुर में नवंबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच सब्जियों के थोक व खुदरा मूल्य में 50.29 फीसदी का अंतर चल रहा है. जाहिर है कि आम जनता की जेब काटने के बाद यह रकम बीच के बिचौलिये हजम कर ले रहें हैं. हालांकि, नवंबर 2014 से जनवरी 2015 की तुलना में यह कम है. उस समय यह अंतर और भी ज्यादा याने 62.53 फीसदी का था.

एसोचैम के अनुसार सब्जी बाजार में मची लूट के मामले में रायपुर का स्थान देशभर में 14वें नंबर पर है. एसोचैम के अनुसार इस लूट में सबसे ज्यादा नुकसान किसान तथा उपभोक्ता का हो रहा है. एक तरफ जहां किसानों को अपने उत्पाद का पर कम मूल्य मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ आम जनता को अधिक कीमत चुकाकर सब्जी खरीदनी पड़ रही है.

उल्लेखनीय है कि हरी सब्जियों तथा फल का अपना महत्व है. इन्हें शारीरिक स्वास्थ्य के आवश्यक माना गया है. खासकर बढ़ती उम्र के बच्चों को पोषक पदार्थो के लिये इन सब्जियों तथा फलों का देना अनिवार्य है. आखिर उनके भविष्य का सवाल जो ठहरा. इसका पूरा फायदा बिचौलिये तथा व्यापारी उठा रहें हैं.

देशभर में सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य में अंतर पिछले तीन माह के दौरान बढ़कर 53 फीसद हो गया है. ऐसा 2015 के नवंबर से जनवरी 2016 के बीच हुआ है, जबकि ठीक एक साल पहले इसी अवधि में यह अंतर 50.4 फीसद था. व्यावसायिक संस्था एसोचैम ने यह जानकारी रविवार को दी.

एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बैंगन, बंद गोभी और फूल गोभी के थोक मूल्य से खुदरा मूल्य में नवंबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच 53.3 फीसद की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 50.4 फीसद था.

देश के विभिन्न राज्यों के 28 शहरों के सब्जी बाजार के अध्ययन से पता चला है कि अधिकतर खुदरा विक्रेता सब्जियां थोक मूल्य सूची से बहुत अधिक पर बेच रहे हैं. सामान्य तौर पर थोक और खुदरा मूल्य का अंतर 30 फीसद होना चाहिए.

हैदराबाद में सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य का अंतर तो 132.3 फीसद तक है. मुंबई, अहमदाबाद और अमृतसर में यह अंतर 90 फीसद से अधिक है. दिल्ली में यह अंतर 86.1 फीसद है.

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