छत्तीसगढ़: HC में जजों की कमी
बिलासपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जजों की कमी के कारण लंबित मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ी है. जनवरी, 2015 में लंबित मामले 44 हजार थे, जो मार्च, 2016 में बढ़कर 50 हजार से अधिक हो गए. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पिछले एक वर्ष से जजों की कमी है. इसका प्रभाव लंबित मामलों पर पड़ रहा है. एडिशनल रजिस्ट्रार हाईकोर्ट की ओर से 31 जनवरी 2015 को जारी आंकड़े में 44764 मामले लंबित थे. इसमें 48 जनहित याचिका, 8362 सर्विस मैटर, 8 बंदी प्रत्यक्षीकरण और 15808 रिट याचिका शामिल थी.
इसी प्रकार अवमानना के 576 समेत 16 हजार से अधिक आपराधिक प्रकरण समेत कुल 44764 मामले विचाराधीन थे. वहीं 31 मार्च, 2016 को जारी आंकड़े में लंबित मामलों की संख्या बढ़कर 51 हजार हो गई. इसमें 83 जनहित याचिका हैं. इसके अलावा 8752 सर्विस मेटर और 7 बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले हैं. हालांकि अवमानना मामले घटकर 298 हो गए हैं.
हाईकोर्ट में जनवरी, 2015 की स्थिति में प्रति माह लगभग 2468 मामले निराकृत किए गए. इसमें 11 सौ से अधिक क्रिमनल प्रकरण व अपील पर सुनवाई पूरी की गई. वहीं मार्च, 2016 में 2260 मामले निराकृत किए गए हैं. इसमें 12 सौ से अधिक आपराधिक मामले हैं.
विधानसभा चुनाव-2013 और लोकसभा चुनाव-2014 के बाद हाईकोर्ट में कई चुनाव याचिका दाखिल की गई. जनवरी, 2015 में ऐसी 17 याचिका लंबित थीं. एक वर्ष में 6 चुनाव याचिका में सुनवाई पूरी कर फैसला दिया गया. इसके बाद भी 11 मामले लंबित हैं.