रायपुर

सदभावना की ऐसी भी एक मिसाल

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के देवी मंदिरों में हजारों हिंदू ज्योत प्रज्जवलित कर रहे हैं, वहीं सिख व जैन धर्म को मानने वालों ने भी मन्नत की ज्योत जलाई है. मंदिरों के अलावा अनेक दुर्गा पंडालों में हिंदू व मुस्लिम मिलकर सेवा कर ‘सांप्रदायिक एकता’ की मिसाल पेश कर रहे हैं. विभिन्न जगहों पर आयोजित गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम युवा भी अपने हिंदू दोस्तों के साथ गरबा का आनंद ले रहे हैं.

राजधानी के पंडरी कपड़ा मार्केट रोड के सामने वाली गली में शिव-दुर्गा मंदिर में हिंदू व मुस्लिम युवा मिलकर नवरात्र मनाते हैं. मंदिर में ज्योत जलाने से लेकर हवन व जंवारा विसर्जन तथा भंडारे में सभी का सहयोग रहता है. युवाओं ने मिलकर मयूर क्लब नामक संस्था का गठन किया है. इस संस्था के एक सदस्य मोहम्मद शकील नवरात्र में नौ दिनों तक अपने दोस्तों के साथ मंदिर में हो रहे सेवा कार्यो में सहयोग करते हैं. वह पिछले आठ वर्षो से अपने नाम पर ज्योत प्रज्‍जवलित करवा रहे हैं.

शकील कहते हैं कि वह जितना इस्लाम धर्म का सम्मान करते हैं, उतना ही हिंदू धर्म का भी करते हैं.

उन्होंने बताया कि पंडरी में उनके जितने भी हिंदू दोस्त हैं, वे सभी रमजान के मौके पर सहरी व इफ्तार में शामिल होते हैं और ईद के मौके पर उनके घर आकर दावतों का भी लुत्फ उठाते हैं.

नयापारा के मो. इकबाल पुरानी बस्ती के सलीम व बैजनाथपारा के राजा जैसे मुस्लिम युवक भी अपने हिंदू दोस्तों के साथ दीवाली, होली, गणेशोत्सव व नवरात्र मनाते हैं. वे दोस्तों के साथ देर रात तक गरबा खेलने का भी आनंद लेते हैं.

इन युवकों का कहना है कि वे सभी धर्मो का आदर करते हैं.

महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला का कहना है कि नवरात्र में हर साल बड़ी संख्या में मुस्लिम युवक भी ज्योत प्रज्जवलित कराते हैं. उनमें से कई युवक ऐसे भी हैं, जो भंडारे के आयोजन में आर्थिक रूप से मदद करने को तत्पर रहते हैं.

error: Content is protected !!