छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के जशपुर में बिक रहे भूत

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल जशपुर में तीन लोगों को पुलिस ने भूत बेचते हुये गिरफ्तार किया है. भूत बेचने वाले दावा कर रहें थे कि यह भूत नुकसान नहीं पहुंचाता बल्कि गड़े हुये धन का पता बताता है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दबिश देकर नारायण यादव (68), गुत्थल पनिका उर्फ मुन्‍ना राम (40) और लरंग राम (55) को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं एक अन्य आरोपी मड़वारी पनिका (60)फरार हो गया.

जशपुर के वनकोम्बो गांव में यह गोरख धंधा चलाया जा रहा था. भूत बेचने वालों ने इसका सौदा पचास हजार रुपयों में कर भी लिया था तथा बलि के लिये बकरा लाने भेजा था तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

बताया जा रहा है कि भूत बेचने का दावा करने वाले ‘मटियाभूत’ का सौदा कर रहे थे. जशपुर के इस भूत बेचने के प्रकरण पर छत्तीसगढ़ खबर ने समाजशास्त्री प्रदीप शर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि भूत प्रेत का अस्तित्व ही नहीं होता है. यह तो तनावग्रस्त तथा मानसिक रूप से पीड़ितों का मतिभ्रम होता है जो उन्हें भूत का दर्शन करा देता है.

प्रदीप शर्मा ने कहा, “इसी कारण से कमजोर लोग जब किसी ऐसे घर में जाते हैं जहां पूर्व में किसी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की हो तो उन्हें उसी का भूत नजर आता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मतिभ्रम के कारण परिस्थितिजन्य भूत कथित रूप से दिखाई देने लगया है.”

उन्होंने यह बताया कि सामान्य तौर पर जनजाति समाज में भूतों को माना जाता है. जब उनसे छत्तीसगढ़ खबर ने राज्य में पाये जाने वाले भूतों के प्रकार के बारे में पूछा तो उन्होंने हंसते हुये कहा, “यहा मटियाभूत, झिकरीभूत, बरमभूत, बेताल, दतखिसोर भूत तथा डायन के बारें में मान्यता पुराने समय से चली आ रही है.”

प्रदीप शर्मा के अनुसार छत्तीसगढ़ में निम्न प्रकार के भूत पाये जाने के दावे किये जाते हैं. भूत-प्रेतो में विश्वास न करने के बावजूद छत्तीसगढ़ में पाये जाने वाले भूतों के बारें में जानना दिलचस्प होगा.

मटियाभूत- जब कोई बच्चा मर जाता है तो वह मटियाभूत बन जाता है. यह किसी के घर में घुसकर वहां रखा खाना खा लेता है तथा अपने नाखून से लोगों को नकोड़ देता है.

झिकरीभूत- जब कोई लड़की माता या मीजल्लस से मर जाती है तो उसके भूत को झिकरी भूत कहा जाता है. यह झिकरी भूत पानी में रहती है जिसके बाल खुले हुये होते हैं.

बरमभूत- जब कोई आदमी शादी किये बगैर ही मर जाता है तो वह बरमभूत बन जाता है. इस तरह के भूत अत्यंत उत्पाती किस्म के होते हैं.

दतखिसोर भूत- जब कोई फांसी लगा के मर जाता है तो वह दतखिसोर भूत बनता है. यह भूत अपने बड़े-बड़े दांतों से लोगों को डराता है.

डायन- जब कोई गर्भवती महिला मर जाती है तो उसके भूत को डायन कहा जाता है.

रसकाभूत- इसे बेताल भी कहा जाता है जिसके लार से आग टपकता रहता है.

इसी तरह से जिन्न, मरकट्टा कई तरह के भूतों के बारें में मान्यता प्रचलित है.

आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं. भूत सबसे शुरुआती पद है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है. हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल. उक्त सभी के उप भाग भी होते हैं.

बहरहाल, एक सवाल पूछने से रहा गया वह है यदि जशपुर में मटियाभूत बेचा जा रहा था तो खुद भूत बेचने वाले उसे पचास हजार रुपयों में बेचने के बजाये उसी से लाखों क्यों नहीं कमा लेते?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!