किसानों से योजना के नाम पर लाखों की ठगी
धमतरी | छत्तीसगढ़ संवाददाता: छत्तीसगढ़ के धमतरी में किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर 14 लाख रुपए की ठगी करने वाले एक व्यक्ति को भिलाई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस ठग को विवेचना के लिए धमतरी पुलिस द्वारा यहां लाया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने अपने सहयोगियों के साथ धमतरी के अलावा भिलाई एवं राजनांदगांव में भी शाखाएं खोलकर किसानों को चूना लगाया है. उसे गिरफ्तार करने में भिलाई पुलिस को सफलता मिली. धमतरी सिटी कोतवाली में भी अपराध दर्ज हुआ है. धमतरी पुलिस उसे रिमाण्ड में लेने की तैयारी में है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी विजय प्रकाश सिंह भिलाई का रहने वाला है. उसने अपने चार अन्य सहयोगियों की मदद से धमतरी-बस्तर रोड पर म्युनिसपल स्कूल के सामने कार्यालय खोला और कुछ बेरोजगार युवकों को एजेंट बनाकर किसानों को झांसा दिया कि छत्तीसगढ़ कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित की भिलाई शाखा की ओर से विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.
अगस्त 2012 में धमतरी में इस धोखाधड़ी का काम शुरु करने से लेकर जनवरी 2013 तक करीब 135 किसानों को उसने झांसा दिया. योजना के तहत उन्हें 1 से 2 लाख रुपए का ऋण दिलाने का सब्जबाग दिखाकर प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर प्रत्येक किसान से 10,500 रुपए लिए गए. यहां किसानों से कुल 14 लाख 17 हजार पांच सौ रुपयों की वसूली कर वह फरार हो गया. लोग किसान योजना के तहत ऋण मिलने का इंतजार करते रहे. उन्हें जब भिलाई में आरोपी के पकड़े जाने की जानकारी हुई, तब वे पुलिस के पास पहुंचे.
सिटी कोतवाली प्रभारी सपन चौधरी ने बताया कि धमतरी के धर्मेन्द्र कुमार की शिकायत पर प्रकाश सिंह समेत उसके चार सहयोगियों के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध कायम किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी भिलाई में हुई है. बाद में उन्हें रिमाण्ड पर लेकर विवेचना आगे बढ़ाने अर्जी लगाई जाएगी.
कर्मचारियों का वेतन भी नहीं
आरोपियों ने सेमी गारमेंट्स के नाम से पहले बेरोजगारों को काम पर रखा. आपरेटर, सुपरवाईजर, आफिस ब्वाय, एजेंट आदि के रूप में 27 लोगों की भर्ती 3 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर की गई. शुरुवात के दो माह तो उन्हें समय पर वेतन दिया गया. फिर चार माह तक वेतन देने की बात पर टालमटोल करने के बाद अंतत: आरोपी फरार हो गया. पुलिस के मुताबिक कर्मचारियों का वेतन मिलाकर कुल ठगी 27 लाख रुपए की हुई है.
अन्य कंपनियों की जांच
योजना का लाभ लेने के झांसे में आकर रुपए जमा करने वाले लगभग 20 लोग सिटी कोतवाली पहुंचे. इधर पुलिस ने शहर में संचालित कुछ अन्य कंपनियों के अधिकारियों को थाना तलब कर उनके दस्तावेजों को जांचा. गौरतलब है कि करीब ढाई वर्ष पूर्व तत्कालीन एसपी शेख आरिफ हुसैन के कार्यकाल में अल्यासा कंपनी का भांडाफोड़ होने के बाद पुलिस ने अन्य कंपनियों के दफ्तर में दबिश दी थी, जिनमें छ: कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए थे.