छत्तीसगढ़

नोटबंदी पर बोलने से किसानों को रोका

रायपुर | संवाददाता: किसान संघ के कुछ सदस्यों का आरोप है कि सरकार ने उनके आंदोलन को हाईजैक कर लिया. छ्त्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के सदस्य दानू साहू, संतोष राणा तथा जालम सिंह पटेल ने प्रेस को जारी लिखित विज्ञप्ति में यह आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं का दबाव था कि नोटबंदी के खिलाफ कुछ न बोला जाये.

गौरतलब है कि सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरना स्थल बूढ़ा तालाब के पास किसानों ने 1 लाख किलो टमाटर, गोभी, लौकी, शिमला मिर्च, केला, बैगन आदि सब्जियाँ हजारों लोगों को मुफ्त बांटी. दरअसल, अपने उत्पादों का सही दाम न मिल पाने के कारण किसान परेशान हैं तथा उन्होंने भविष्य में तेज आंदोलन की चेतावनी दी है.

संघ के सदस्य दानू साहू, जालम सिंह पटेल, शेर सिंह ठाकुर, शिवकुमार वर्मा, दुर्ग जिला अध्यक्ष संतोष राणा ने कहा कि इस आंदोलन पर भाजपा नेताओं का दबाव था. किसान नोटबंदी से परेशान हैं. उनके उत्पाद नहीं बिक रहे हैं. इस गुस्से को जाहिर करने ही यह प्रदर्शन किया गया, लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं ने किसान संघ के पदाधिकारियों पर दबाव डाला और उन्हें नोटबंदी के खिलाफ बोलने से मना किया. किसान संघ के इस रुख पर धमधा, कनहारपुरी, बसनी, गोरपा, घोटवानी आदि क्षेत्रों से आए टमाटर उत्पादक किसानों ने क्षोभ जताया.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल से ट्रक टमाटर खरीदने नहीं आ रहे हैं, इस वजह से सब्जियों के दाम गिर गये हैं. किसान सरकार से मांग करते हैं कि धमधा, दुर्ग, बेमेतरा, बेरला, अहिवारा में टमाटर और अन्य सब्जियों के लिये बड़ी मंडी बनाई जाई, जहां से बड़े ट्रकों की लोडिंग हो सके. किसानों को राष्ट्रीयकृत बैंको से 1% ब्याज दर पर कर्ज दिया जाये. बेमेतरा, बेरला में गन्ना कारख़ाना खोला जाये, और किसानों के कर्ज माफ किये जाये. यह सभी मांगे पहले भी की जा चुकी हैं, और सरकार से आशा की जाती है कि इन मांगो पर अमल करे.

प्रेस विज्ञप्ति में मांग की गई है कि नोटबंदी से उत्पन्न समस्या का समाधान सरकार को निकालना चाहिये. अगर इस मामले पर सरकार ने तुरंत कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो किसान मोदी सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

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