छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: सोनू सरदार की फांसी तय

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में 1978 के बाद रायपुर केंद्रीय जेल में होगी सोनू सरदार की फांसी. राष्ट्रपति के द्वारा बंदी की दया याचिका ख़ारिज होने के बाद जेएनयू के लॉ के स्टूडेंट और दिल्ली के कुछ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी पर रोक के लिए पुनर्याचिका लगायी थी जिसे उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने ख़ारिज कर दिया.

गौरतलब है कि 19 जून 2014 को छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर की अदालत ने सोनू सरदार का डेथ वारंट भी जारी कर दिया था. इसके बाद सोनू को किसी भी समय फांसी दी जा सकती थी. रायपुर जेल में तो फांसी की तैयारी भी शुरु हो गई थी. लेकिन अंतिम समय में उसकी फांसी पर रोक लगा दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने रिट क्रमांक 117/2014 पर सुनवाई करते हुये सोनू सरदार की सज़ा पर रोक लगा दी थी. जस्टिस विक्रमजीत सेन और शिवाकीर्ति सिंह की खंडपीठ ने फांसी की सज़ा पर रोक लगा दी थी.

बैकुंठपुर के इस बहुचर्तित मामले में सोनू सरदार को फांसी की सजा सुनाई गई थी. सोनू सरदार समेत 5 लोगों पर 26 नवंबर 2004 को बैकुंठपुर में कबाड़ का व्यापार करने वाले शमीम अख्तर, शमीम की पत्नी रुखसाना, बेटी रानो (5), बेटे याकूब (3) और पांच माह की एक बेटी की हत्या कर का आरोप था.

हत्या के कुछ दिनों बाद चार आरोपी पकड़े गए लेकिन एक आरोपी अभी भी फरार है. इस मामले में 2008 में निचली अदालत ने सभी को फांसी की सजा दी थी. इसके बाद 2010 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सभी की फांसी की सजा को बरकरार रखा. बाद में 23 फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने चार लोगों की मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल दी, लेकिन सोनू सरदार की फांसी की सजा बरकरार रखी. इसके बाद सोनू ने राष्ट्रपति के समक्ष याचिका लगाई थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दी. भारत सरकार ने 8 मई को सोनू की मौत के फरमान पर मुहर लगाई.

सोनू सरदार को बचाने की अंतिम कोशिश के तहत जून 2014 में सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका लगाई गई थी.

0 thoughts on “छत्तीसगढ़: सोनू सरदार की फांसी तय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!