छत्तीसगढ़ में हर दूसरे दिन माओवादियों के साथ मुठभेड़
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में पिछले 7 महीनों में हर दूसरे दिन सुरक्षाबलों की माओवादियों के साथ मुठभेड़ की घटनाए हुई हैं. राज्य में हर दो दिन में, माओवादी हिंसा की तीन घटनाएं हुई हैं. राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में यह जानकारी दी.
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के एक सवाल के जवाब में बताया कि दिसंबर 2023 से जून 2024 के 183 दिनों में राज्य में माओवादी हिंसा की कुल 273 घटनाएं हुई हैं. इस दौरान माओवादी-पुलिस मुठभेड़ की 92 घटनाए हुई हैं.
गृहमंत्री ने बताया कि माओवादी हिंसा की इन घटनाओं में 19 जवान मारे गए और 88 घायल हुए. इस दौरान 137 माओवादी और 34 सामान्य नागरिक भी मारे गए हैं.
विजय शर्मा ने जानकारी दी कि राज्य भर की जेलों में 790 संदिग्ध माओवादी बंद हैं. इनमें 25 सज़ा प्राप्त क़ैदी हैं, जबकि 765 संदिग्ध माओवादी विचाराधीन हैं.
भरमार बंदूक पर सवाल
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार को इस बात की जांच करने के लिए कहा कि कहीं भरमार बंदूक रख कर आदिवासियों को माओवादी तो नहीं बताया जा रहा है. उन्होंने गृहमंत्री से पूछा कि क्या आपने कभी भरमार बंदूक को चलते देखा है?
इस सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस साल 10 मई को बस्तर के पीड़िया में हुए मुठभेड़ में 12 संदिग्ध माओवादियों के मारे जाने की घटना में, मृतकों पर कांग्रेस शासनकाल में दर्ज मामलों का उल्लेख किया तो सुकमा विधायक कवासी लखमा सरकार पर बरस पड़े.
उन्होंने आरोप लगाया कि तेंदू पत्ता तोड़ने गये आदिवासियों को सुरक्षाबलों ने घेर कर मार डाला. उन्होंने सुरक्षाबलों पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया, जिसका गृहमंत्री ने विरोध किया.
इसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी शुरु कर दी. कुछ मिनटों तक लगातार होती नारेबाजी के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने प्रश्नकाल समाप्ति की घोषणा कर दी.