नक्सली की शादी में पुलिस बैंड
रायपुर | समाचार डेस्क: पूर्व नक्सली लड़की की शादी में छत्तीसगढ़ पुलिस की बैंड बजेगी. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ पुलिस कन्यापक्ष की जिम्मेदारी भी निभायेगी. छत्तीसगढ़ के बस्तर में शहीद जवानों को अंतिम सलामी देने के लिए मातमी धुन बजाने वाली पुलिस की बैंड पार्टी पहली बार शादी समारोह के लिए धुन बजाएगी. समर्पण कर चुकी नक्सली कोसी की शादी 9 जनवरी को होगी. पुलिस घराती बनेगी और समर्पण कर चुके अन्य नक्सली बाराती की भूमिका में होंगे.
पिछले महीने 29 दिसंबर को दरभा इलाके के 23 नक्सलियों के साथ समर्पण करने वाली महिला नक्सली कोसी की नजरें पूर्व में समर्पित नक्सली लक्ष्मण से मिलीं और दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा. इसकी भनक मिलते ही पुलिस अमले ने दो दिलों को मिलाने के लिए कोसी के कन्यादान का फैसला लिया.
पुलिस की बैंड पार्टी पहली दफा किसी शादी समारोह में धुन बजाएगी. पुलिस की इस पहल की सर्वत्र सराहना की जा रही है.
बस्तर के आईजी एस.आर.पी. कल्लूरी के मुताबिक, कोसी ने न केवल खुद समर्पण किया, बल्कि इलाके के दर्जनों नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है. इसलिए उसके सुखद जीवन के लिए पुलिस पहल कर रही है. उसका कन्यादान भी पुलिस विभाग करेगा.
पूर्व नक्सली कोसी ने बताया कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी उसकी शादी होगी और वह गृहस्थ जीवन जी सकेगी. नक्सलियों ने उसे 16 साल की उम्र से ही जबरन दलम में शामिल कर लिया था. तब से वह केवल हिंसा करने की मशीन बनकर रह गई थी.
कोसी ने बताया कि जंगलों से निकलकर उसे काफी सकून मिल रहा है. उसे जल्द ही पुलिस विभाग में आरक्षक की नौकरी दी जाने वाली है.
ज्ञात हो कि प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की मिलिट्री कंपनी नंबर 26 की सदस्य रही दरभा ब्लॉक के ग्राम कुडूम खोदरा की कोसी ने एक निर्दोष ग्रामीण राजू का अपहरण कर उसकी हत्या कर दिए जाने से नाराज होकर संगठन से बगावत कर दिया था.
उसने दो दिसंबर को बस्तर पुलिस के समक्ष समर्पण किया. उसके समर्पण करने के 27 दिनों बाद दरभा इलाके के सेक्शन कमांडर समेत 23 नक्सलियों ने एक साथ हथियार छोड़ मुख्यधारा में जुड़ने का ऐलान किया और आईजी के समक्ष समर्पण कर दिया.
कोसी के समर्पण के कुछ दिन पहले ही इंद्रावती एरिया कमेटी के अंतर्गत जनमिलिशिया कमांडर लक्ष्मण उर्फ लच्छू ने पुलिस के समक्ष समर्पण किया था. दोनों ही नक्सल संगठन में आतंक के पर्याय थे.
बताया जाता है कि पुलिस कैम्प में एक दिन लक्ष्मण और कोसी की नजरें मिलीं और उसी दिन से दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ने लगा. इसकी जानकारी पुलिस के अधिकारियों को मिली. उन्होंने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दोनों को परिणय-सूत्र में बांधने का फैसला लिया.
जीवन के 25 बसंत नक्सल संगठन में गंवा चुकी कोसी और लक्ष्मण के पास या उनके परिजनों के पास सामाजिक परंपरा अनुसार विवाह के लिए खर्च जुटाने का सामथ्र्य नहीं है. इसलिए कोसी के कन्यादान की जिम्मेदारी अब बस्तर पुलिस विभाग ने उठाई है.
विभाग की ओर से आईजी कल्लूरी 9 जनवरी को कोसी का कन्यादान करेंगे. इतना ही नहीं विभाग ने कोसी को उपहार में देने के लिए बाकायदा घरेलू सामानों की फेहरिस्त भी बनाई है.