किसानों की गिरफ्तारी पर भड़के देश भर के संगठन
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आपातकाल की तर्ज पर किसानों की गिरफ़्तारी की राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है.अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले किसान और जन संगठनों ने छत्तीसगढ़ सरकार की कड़ी आलोचना की है. इन संगठनों में महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक समेत कई राज्यों के किसान और मज़दूर संगठन शामिल हैं. इस बीच रायपुर में गिरफ्तार किये गये आनंद मिश्रा, पूर्व मंत्री अरविंद नेताम और पीयूसीएल के अध्यक्ष डॉक्टर लाखन सिंह को रिहा कर दिया गया है. किसान नेता आनंद मिश्रा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में आपातकाल की तर्ज पर सरकार काम कर रही है और किसान इससे डरने वाले नहीं हैं.
नेशनल एलांयस फॉर पीपुल्स मूवमेंट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राजनांदगांव के 50 हजार किसानो ने 28 अगस्त 2017को किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक शांतिपूर्वक एवं अनुशासित प्रदर्शन किया था. उसी को आगे बढाते हुए 19 सितम्बर 2017 से छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा किसान संकल्प यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया गया था৷ यह यात्रा फसल कर्ज माफ़ी, पिछले तीन वर्षो का बोनस, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशो के अनुसार समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने एवं फसल बिमा भुगतान की प्रमुख मांगो को लेकर होनी थी৷ लेकिन इस यात्रा को छत्तीसगढ़ कि भाजपा सरकार द्वारा क्रूर तरीके से दबाया जा रहा है৷
बयान में कहा गया है कि जिला किसान संघ एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के द्वारा पूर्ण सूचना देने के बावजूद एवं स्वीकृति मिलने के बावजूद, 19 सितंबर से आज तक सैकड़ों की तादात में किसानों को गिरफ्तार किया गया है৷ कई लोगों को बीच रात में उनके घर से पुलिस उठा कर ले गयी है৷ इसमें करीब 600 किसान साथियों के अलावा कई किसान नेताओं, जन प्रतिनिधि एवं मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को भी बलपूर्वक उठाकर कर जेल भेज दिया गया है৷ जिनमें राजनांदगांव जिला किसान संघ के सुदेश टेकाम, रमाकांत बंजारे, चंदू साहू, छन्नी साहू, संजीत, मदन साहू, धमतरी किसान मजदुर महासंघ के प्रतिनिधि शत्रुघ्न सिंह साहू, सौरभ मिश्र, श्रीकांत सोनवानी, पुरषोत्तम चंद्राकर, श्रीकांत चंद्राकर, चैनसिंह साहू, तेजेंद्र तोडेकर, दल्ली राजहरा मजदुर नेता जनक लाल ठाकुर शामिल है৷
राज्य सरकार की आलोचना करते हुये कहा गया है कि यात्रा को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ज्यादातर जिलों में धारा 144 लागू कर रखी है और कई गाँवों के बाहर पुलिस तैनात कर रखी है৷ रायपुर शहर के चारों और बैरिकेड लगा दिए गए हैं৷ इन सब के बावजूद धरना स्थल पर हजारों की तादात में लोग आये हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा वहां से निकला जा रहा है৷ धरना स्थल पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के संयोजक आलोक शुक्ला, किसान नेता आनंद मिश्रा, पीयूसीएल छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉक्टर लाखन सिंह, आम आदमी पार्टी के संकेत ठाकुर, दुर्गा झा एवं उत्तम, सीपीएम के राज्य सचिव संजय पराते एवं पूर्व सांसद और सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविन्द नेताम को भी गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया है৷ अभी भी किसानों की गिरफ्तारी जारी है और गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है৷
संगठनों ने अपने बयान में कहा है कि आज पूरे देश में किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों की आर्थिक हालत बहुत जर्जर है, आजीविका चलाने और अगली फसल के लिए लागत जुटाना भी कठिन हो गया हैं जिसके चलते किसानों द्वारा आत्महत्याएं की घटनाएं बडती जा रही है৷ फिर भी सरकार का रवैया किसानों के प्रति गैर संवेदनशील रहा है৷ छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा किये जा रहे शांतिपूर्वक आन्दोलन का और उनके द्वारा रखी गयी मांगों का समर्थन करते हैं और इस शांतिपूर्वक आन्दोलन का दमनात्मक तरीके से कुचलने की सरकार के इस रवैय्ये का कड़ा विरोध करते हुए गिरफ्तार सभी आन्दोलनकारी की रिहाई की मांग करते हैं.