छत्तीसगढ़ के 16 दमदार
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में 16 विधायक सुरक्षित माने जा रहे हैं. विधायकों के सुरक्षित माने जाने के पीछे उनको मिलने वाले मतों का प्रतिशत है. विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही विधायकों के हारने-जीतने के कयास लगने लगे हैं. लेकिन राज्य की 90 में से 16 विधायक इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे एक बार फिर से चुने जायेंगे. ये वो उम्मीदवार हैं, जिन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में 55 फीसदी से अधिक वोट मिले थे.
2008 के विधानसभा चुनाव में कुल 17 विधायकों को मतदान के 50 फीसदी से ज्यादा मत मिले थे. इसमें भाजपा के 10 तथा कांग्रेस के 7 विधायक हैं. राजनांदगांव से मुख्यमंत्री रमनसिंह को 59.33 फीसदी मत मिले थे, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है. उनके पश्चात् रायपुर शहर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल को 57.89 फीसदी, खरसिया से स्व. नंदकुमार पटेल को 57.19 फीसदी तथा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को 55.87 फीसदी मत मिले थे. इन चार विधायकों को ही 55 फीसदी से ज्यादा मत मिले थे.
50 फीसदी से ज्यादा मत पाने वालो में अन्य हैं जशपुर से भाजपा के जगेश्वर राम भगत 50.01 फीसदी, बिलासपुर से भाजपा के कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को 51.71 फीसदी, सराईपाली से कांग्रेस के डा. हरिदास भारद्वाज को 50.45 फीसदी, खल्लारी से कांग्रेस के परेश बागबहरा को 50.35 फीसदी, रायपुर शहर पश्चिम से भाजपा के मंत्री राजेश मूणत को 51.23 फीसदी, धमतरी से कांग्रेस के गुरुमुख सिंह होरा को 54.96 फीसदी तथा भिलाई नगर से कांग्रेस के बदरुद्दीन कुरैशी को 51.59 फीसदी मत मिले थे.
इनके अलावा वैशाली नगर से भाजपा की सरोज पांडे को 52.15 फीसदी, अहिवारा से भाजपा के डोमनलाल कोलसैवाडा को 50.24 फीसदी, खैरागढ़ से भाजपा के कोमल जंघेल को 50.78 फीसदी, डोंगरगढ़ से भाजपा के खेदूराम साहू को 50.13 फीसदी, खुज्जी से कांग्रेस के भोलाराम साहू को 50.36 फीसदी एवं नारायणपुर से भाजपा के केदारनाथ कश्यप को 54.72 फीसदी मत मिले थे. इन आकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इन 17 विधायकों को वाकई में बहुमत प्राप्त है.
कुल हुए मतदान का 45 फीसदी से ज्यादा मत पाने वालों में भाजपा के गृहमंत्री ननकीराम कंवर को 45.93 फीसदी, कृषिमंत्री चन्द्रशेखर साहू को 46.75 फीसदी, पीएचई मंत्री हेमचंद यादव को 46.88 फीसदी, जनसंसाधन मंत्री रामविचार नेताम को 45.48 फीसदी तथा वनमंत्री विक्रम उसेंडी को 45.85 फीसदी मत मिले थे. इनके अलावा 45 फीसदी से ज्यादा मत पाने वालों में कांग्रेस के दिग्गज नेता रेणु जोगी को 45.48 फीसदी, धर्मजीत सिंह को 44.28 फीसदी और नेता प्रतिपक्ष रवींद्र चौबे को 47.19 फीसदी मत मिले थे.
45 फीसदी से ज्यादा मत पाने वालों में कुल 23 विधायक हैं जिसमें भाजपा के 12 तथा कांग्रेस के 11 हैं. रायगढ़ से कांग्रेस के शक्रजीत नायक को 48.83 फीसदी, लैलूंगा से हृदयराम राठिया को 47.35 फीसदी, महासमुंद से अग्नि चंद्राकर को 45.90 फीसदी, भाटापारा से चेतराम साहू को 45.73 फीसदी, रायपुर शहर उत्तर से कुलदीप सिंह जूनेजा को 48.55 फीसदी, कुरुद से लेखराम साहू को 47.57 फीसदी, बेमेतरा से ताम्रध्वज साहू को 46.53 फीसदी, मोहला-मानपुर से शिवराज सिंह उसारे को 46.57 फीसदी मत मिले थे. इनके अलावा इस सूची में कुनकुरी से भाजपा के विधायक भरत साय हैं जिन्हें 48.44 फीसदी, वृन्दानवागढ़ से धरमूधर पुजारी को 49.71 फीसदी, गुंडरदेही से वीरेन्द्र कुमार साहू को 45.92 फीसदी, पाटन से विजय बघेल को 47.93 फीसदी, डोंगरगढ़ से रामजी भारती को 47.26 फीसदी, जगदलपुर से संतोष बाफना को 48.00 फीसदी एवं बीजापुर से महेश गागड़ा को 45.91 फीसदी मत मिले थे.
40 फीसदी से ज्यादा मत पाने वालों में कुल 23 विधायक हैं जिनमें से भाजपा के 12 तथा कांग्रेस के 11 विधायक हैं. विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को 43.54 फीसदी तथा मंत्री लता उसेंडी को 42.12 फीसदी मत मिले थे. कांग्रेस के बड़े नेताओं में टी एस बाबा को 41.96 फीसदी और अमितेश शुक्ला को 43.88 फीसदी मत मिले थे. इस सूची में भाजपा के अन्य विधायक हैं मनेन्द्रगढ़ से दीपक कुमार पटेल जिन्हें 42.06 फीसदी, प्रेमनगर से रेणुका सिंह को 43.02 फीसदी, धरसीवां से देवजीभाई पटेल को 44.19 फीसदी, रायपुर ग्रामीण से नंदकुमार साहू को 44.13 फीसदी, संजारी बालौद से मदनलाल साहू को 42.45 फीसदी, नवांगढ़ से दयालदास बघेल को 41.37 फीसदी, कवर्धा से डा. सियाराम साहू को 44.63 फीसदी, कांकेर से सुमित्रा मारकोले को 44.83 फीसदी, केसकाल से सेवकराम नेताम को 41.26 फीसदी तथा बस्तर से डा. सुबाहू कश्यप को 41.13 फीसदी मत मिले थे.
40 से 45 फीसदी मत पाने वालों में कांग्रेस के प्रतापपुर से डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम को 41.96 फीसदी, लुंड्रा से रामदेव राम को 42.38 फीसदी, पत्थलगांव से रामपुकार सिंह को 40.07 फीसदी, कोरबा से जयसिंह भैया को 40.85 फीसदी, पाली-तानाखार से रामदयल उइके को 44.22 फीसदी, सक्ती से सरोज मनहरण राठौड़ को 42.34 फीसदी, कसडोल से राजकमल सिंघानिया को 45.19 फीसदी, दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा चंद्राकर को 44.38 फीसदी और पंडरिया से अकबर भाई को 43.35 फीसदी मत मिले थे.
35 से 40 फीसदी मत पाने वालों में 17 विधायक हैं जिनमें से भाजपा के 13, बसपा के 1 और कांग्रेस के 3 विधायक हैं. जिसमें भाजपा के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान को 39.06 फीसदी, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति बांधी को 37.47 फीसदी, संसदीय सचिव नारायण चंदेल को 38.55 फीसदी तथा भीमा मंडावी को 38.06 फीसदी मत मिले थे. इसी प्रकार भाजपा के भरतपुर से विधायक फूलचंद सिंह को 39.48 फीसदी, बैकुंठपुर से भैयालाल रजवाड़े को 39.37 फीसदी, धर्मजगढ़ से ओमप्रकाश राठिया को को 39.81 फीसदी, मुंगेली से पुन्नूलाल मोहले को 36.25 फीसदी, तखतपुर से राजूसिंह को 36.58 फीसदी, बलौदाबाजार से लक्ष्मी बघेल को 37.96 फीसदी, भानुप्रतापपुर से ब्रम्हानंद को 38.41 फीसदी और चन्द्रपुर से युद्धवीर सिंह जूदेव को 39.08 फीसदी मत मिले थे.
35 से 40 फीसदी के बीच मत पाने वाले कांग्रेस के विधायक हैं सारंगगढ़ से पद्मा घनश्याम मनहर को 38.66 फीसदी, जैजैपुर से महंत रामसुंदर दास को 37.11 फीसदी तथा बिलाईगढ़ से डा. शिवकुमार डहरिया को 37.93 फीसदी मत मिले थे. पामगढ़ से बसपा के दूजराम बुद्ध को 39.24 फीसदी मत मिले थे.
30 से 35 फीसदी मत पाने वालों में कांग्रेस के 4, भाजपा के 1 तथा बसपा से भी 1 विधायक हैं. इसमें कांग्रेस के कोंटा के विधायक लखमा कवासी को 31.39 फीसदी, सीतापुर से अमरजीत भगत को 31.06 फीसदी, आरंग से गुरुरुद्र कुमार को 31.78 फीसदी और सिहावा से अंबिका मरकाम को 33.74 फीसदी मत मिले थे. चित्रकोट से भाजपा के बैदूराम कश्यप को 34.69 फीसदी और अकलतरा से बसपा के सौरभ सिंह को 33.06 फीसदी मत मिले थे.
इसी प्रकार 25 से 30 फीसदी मत पाने वालों में भाजपा तथा कांग्रेस के 2-2 विधायक हैं. भाजपा के भटगांव से विधायक रविशंकर त्रिपाठी को 27.78 फीसदी, डोंडी-लोहारा से नीलिमा सिंह टेकाम को 29.88 फीसदी मत मिले थे. कांग्रेस के कटघोरा से विधायक बोधराम कंवर को 27.49 फीसदी तथा बसना से देवेन्द्र बहादुर सिंह को 26.09 फीसदी मत मिले थे. 2008 के विधानसभा चुनाव में सबसे कम मत कांग्रेस के देवेन्द्र बहादुर सिंह को ही मिले थे.