छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में लगेंगे पर्यावरण हितैषी उद्योग

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे पर्यावरण हितैषी उद्योगों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. डॉ. रमन सिंह मंगलवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन विजन समीट 2015 के दूसरे दिन सुबह के सत्र को सम्बोधित कर रहे थे.

मुख्य अतिथि की आसंदी से उन्होंने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सम्मेलन में बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले हफ्ते ही इलेक्ट्रॉनिक्स, आई.टी. और आई.टी समर्थित सेवाओं में निवेश की अपनी नयी नीति जारी कर दी है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन सेक्टरों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में अपनी नयी नीति की घोषणा कर दी है, जिसमें निवेशकों के लिए कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं. हम निवेशकों को बेहतर अधोसंरचना उपलब्ध कराएंगे. हमारी इस नयी नीति में

डॉ. रमन सिंह ने सम्मेलन में बताया कि केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए नया रायपुर में लगभग 70 एकड़ के रकबे में इलेक्ट्रॉनिक मेन्यूफेक्चरिंग पार्क निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसमें कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, होम थियेटर, मोबाइल फोन, सी.सी. टी.व्ही. कैमरा, टेलीविजन सेट और सेट-टॉप बाक्स, कम्प्यूटर उपकरण आदि बनाने के उद्योग लगाए जा सकेंगे.

इसमें लगभग पांच सौ करोड़ रूपए का पूंजी निवेश संभावित है. डॉ. रमन सिंह ने सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ में सीमेंट, एयल्यूमिनियम, इस्पात और बिजली जैसे कोर सेक्टर के उद्योगों के बाद अब हमारी प्राथमिकता नॉन कोर सेक्टर के उद्योगों के लिए है.

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स आईटी और आईटी समर्थित सेवाओं में निवेश की नीति वर्ष 2014-19 के बारे में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और आईटी समर्थित सेवाओं में निवेश नीति 2014-2019 का अनुमोदन किया गया.

इस नवीन नीति में आईटी डेवलपर, आईटी यूनिट, इलेक्ट्रॉनिक निर्माता, डाटा सेंटर आदि पर फोकस किया गया है. इसमें हमने आईटी सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रावधान किए हैं. जिनमें ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश में प्रोत्साहन, भूमि प्रीमियम, विद्युत शुल्क आदि में प्रोत्साहन अनुदान और छूट की सीमा को बढ़ाया गया है.

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