नोटबंदी: किसानों का गुस्सा फूटा
राजनांदगांव | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में नोटबंदी से परेशान किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. धान बेचने के बाद डोंगरगढ़ के सहकारी बैंक पहुंचे सैकड़ों किसानों को बैंक वालों ने पहले दिनभर इंतजार कराया उसके बाद नगदी न होने की बात कहकर वापस लौटा रहे थे. इससे किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.
मिली जानकारी के अनुसार आसपास के गांवों के किसान सुबह से ही केन्द्रीय सहकारी बैंक डोंगरगढ़ की शाखा में लाइन में लगाकर अपने पैसे निकालने का इंतजार कर रहे थे. बाद में बैंक के अधिकारियों ने उनसे कहा कि नगदी नहीं है तथा उन्हें बैरंग लौटा रहे थे. इससे कुपित होकर सैकड़ों किसानों ने बैंक में हंगामा खड़ा कर दिया. तब जाकर बैंकों ने उनके पैसों का भुगतान किया.
दरअसल, सहकारी बैंकों के पास नगदी की कमी है तथा वे किसानों को उनके धान के पैसे देने में अक्षम हैं. इस कारण से टालमटोल की जा रही थी. नोटबंदी के 50 दिन होने को आये परन्तु फिर भी हालत में सुधार नहीं हो रहा है. पैसे ने होने के कारण किसान अपनी जरूरत का सामान नहीं खरीद पा रहें हैं. इससे बाजार भी मंदा पड़ गया है.
उधर, एटीएम से केवल 2000 रुपयों के नोट निकल रहें हैं जो किसी काम के नहीं हैं. इससे छोटी-छोटी जरूरतों का सामान नहीं खरीदा जा सक रहा है. बड़ी मात्रा में खरीदी करने पर ही दुकानदार उसके बाद बाकी का पैसा चिल्हर में देने को तैयार हो रहें हैं. वास्तव में खुद दुकानदार छोटे नगदी से मरहूम हैं. इस कारण से वे भी छुट्टे की किल्लत के कारण अपना सामान नहीं बेच पा रहें हैं.