छत्तीसगढ़ में डीजीपी हटाये गये
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी का तबादला कर दिया गया है. उनकी जगह अशोक जुनेजा को डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक की कमान सौंपी गई है.
इससे दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की बैठक की थी.
इस बैठक में उन्होंने पुलिस विभाग के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई थी.
मीडिया में तो यहां तक खबरें आईं कि मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सुधारना आता है.
इसके बाद गुरुवार को 1986 बैच के आईपीएस डीएम अवस्थी को पुलिस महानिदेशक के पद से ही हटा दिया गया.
17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज संभालने के दो दिन बाद ही पुलिस महानिदेशक बनाये गये डीएम अवस्थी को राज्य पुलिस अकादमी के महानिदेशक की जिम्मेदारी दी गई है.
उनकी जगह 1989 बैच के आईपीएस अशोक जुनेजा को डीजीपी का प्रभार दिया गया है.
वे अभी तक एंटी नक्सल ऑपरेशन के महानिदेशक के साथ-साथ छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और एसटीएफ के मुखिया का दायित्व निभा रहे थे.
छत्तीसगढ़ में पुलिस महानिदेशकों को समय से पहले हटाने की जैसे परंपरा बन गई है.
इससे पहले डीजीपी विश्वरंजन को सेवानिवृत्ति के कुछ ही समय पहले उनके पद से हटा कर होम गार्ड की जिम्मेवारी सौंप दी गई थी.
यहां तक कि भूपेश बघेल ने भी सत्ता संभालते ही पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय को उनके पद से हटाकर पुलिस हाउसिंग बोर्ड कॉर्पोरेशन भेज दिया था.
राज्य के पहले पुलिस महानिदेशक श्रीमोहन शुक्ला को कार्यकाल से पहले ही अजीत जोगी ने पीएससी का अध्यक्ष बना दिया था. इसके बाद सेवानिवृत्ति के पहले ही अशोक दरबारी को रमन सिंह के कार्यकाल में पीएससी का अध्यक्ष बनाया गया.
डीएम अवस्थी ने बदली थी पुलिस परिवार की तस्वीर
डीएम अवस्थी ने अपना कार्यभार संभालते ही बस्तर में फर्जी मुठभेड़ को लेकर अधिकारियों को चेतावनी भरा पत्र लिख कर यह साफ कर दिया था कि वे फर्ज़ी मुठभेड़ के सहारे माओवाद पर काबू पाने का दिखावा करने के पक्ष में नहीं हैं.
इसके अलावा पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों की सुविधाओं के लिए भी उन्होंने कई क़दम उठाये. उनके कार्यकाल में पुलिसकर्मियों के परिजनों के भीतर पहली बार भरोसा जगा कि दिन-रात ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की भी कहीं सुनवाई हो सकती है.
इस दौरान पुलिसकर्मियों के बेहतर आवास व्यवस्था के लिए भी उन्होंने कई योजनाएं बनाईं, आवासीय परिसरों का निर्माण करवाया.