छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: सारा धंधा हुआ मंदा

रायपुर | संवाददाता: नोटबंदी से छत्तीसगढ़ के बाजार बुरी तरह से प्रभावित हैं. नकदी तथा चिल्हर की समस्या के कारण बाजार में खरीददार पहले की तुलना में कम आ रहें हैं वहीं, चिल्हर दुकान वाले थोक विक्रेता से कम माल उठा रहें हैं. लोग भी अपनी जरूरतों में कटौती करके खरीददारी कर रहें हैं. एक अनुमान के अनुसार पिछले 13 दिनों में छत्तीसगढ़ के बाजार को करीब 600 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है.

दूसरी तरफ सोमवार को रिजर्व बैंक द्वारा जारी नोटबदली के आकड़ों के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या के और 7 हफ्तों तक बने रहने के आसार है. यदि वाकई में ऐसा होता है तो छत्तीसगढ़ के बाजार को मोटे तौर पर 2,300 करोड़ के नुकसान की संभावना दिख रही है.

हालांकि, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा रिजर्व बैंक अपनी तरफ से भरपूर कोशिश कर रही है कि आम जनता तक नकदी तथा चिल्हर पहुंचे जिससे उनकी परेशानी कम हो. जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे लोगों के पास नकदी तथा चिल्हर आते जायेंगे बाजार फिर से उठने लगेगा.

हिन्दी के एक अग्रणी दैनिक अखबार ने जमीनी स्तर पर जाकर यह जानने की कोशिश की है कि किस धंधे को कितना नुकसान हुआ है. हम उसके साथ यदि यही स्थिति जारी रही तो कितना और नुकसान होगा उसकी संभावना भी पेश कर रहें हैं.

* सब्जी बाजार को पिछले 13 दिनों में 1.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति बरकरार रही तो और 4.78 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

* अनाज के व्यापार को 65 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति बरकरार रही तो और 247 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

* इसी तरह से इलेक्ट्रानिक्स के कारोबार को 95 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति बरकरार रही तो और 361 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

* रियल स्टेट कारोबार को 360 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति बरकरार रही तो और 1368 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

* सराफा व्यापार को 71 करोड़ का नुकसान हुआ है. यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति बरकरार रही तो और 269.8 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

इस तरह से देखा जाये तो केवल इन चुनिंदा व्यवसाय में ही 592 करोड़ का नुकसान हो चुका है. गणितीय गणना के अनुसार यदि नकदी तथा चिल्हर की यही स्थिति रही तो आने वाले 7 हफ्तों में 2,249.58 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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