कस्टडी में मौत, कांग्रेस का धरना
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में पुलिस कस्टडी में मौत राजनीतिक रंग लेने लगा है. शनिवार को मुलमुला थाना में पुलिस पिटाई से युवक की मौत के बाद रविवार को अमित जोगी नरियरा में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंच गये. अमित जोगी ने मृतक के परिजनों द्वारा आरोपी थाने दार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर हो रहे चक्का जाम में हिस्सा लिया. उधर, रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गये.
गौरतलब है कि शनिवार शाम को मुलमुला थाने में पुलिस कस्टडी के दौरान ही पिटाई से सतीश नोरगे की मौत हो गई थी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने मुलमुला थाने के थानेदार जितेन्द्र सिंह राजपूत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जांजगीर-चाम्पा जिले के मुलमुला पुलिस थाने में एक युवक को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के बाद पामगढ़ के सरकारी अस्पताल में उसकी मृत्यु के मामले को गंभीरता से लिया है.
उन्होंने अधिकारियों को सम्पूर्ण घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है.
डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों से कहा- मुझे कल रात जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, मैंने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जांच शुरू करने के निर्देश दिए. डॉ. सिंह ने कहा कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा अजय यादव ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में मुलमुला के थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह राजपूत को शनिवार 17 सितम्बर को ही निलम्बित कर दिया था.
उन्होंने रविवार 18 सितम्बर को मुलमुला थाने के दो आरक्षकों सुनील ध्रुव और दिलहरण मिरी को भी कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया. पुलिस अधीक्षक ने दो अलग-अलग आदेशों में तीनों निलम्बित पुलिस कर्मियों का मुख्यालय रक्षित केन्द्र जांजगीर निर्धारित किया है.
पुलिस अधीक्षक ने जांजगीर-चाम्पा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आज 18 सितम्बर को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि प्रकरण की समीक्षा करने और मृतक के शरीर के पंचनामे और मृत्यु के कारणों की जांच के लिए न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की जाये.
पुलिस अधीक्षक ने आगे लिखा है कि मृत्यु पुलिस की अभिरक्षा से संबंधित है. मृतक का शव जांजगीर के पोस्टमार्टम गृह में रखा गया है. उन्होंने मृतक के शव के पंचायतनामा और मृत्यु के कारणों के संबंध में जांच के लिये न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का अनुरोध किया है.