पिता को जीवनदान दिया बेटी ने
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ की एक बेटी ने मानवता की अद्भुत मिसाल पेश कर अपने पिता की जान बचाई. परिवार वालों के लाख समझाने पर भी बेटी अपनी जिद पर अड़ी रही और अंतत: उसकी किडनी का प्रत्यारोपण पिता के शरीर में किया गया. दोनों स्वस्थ हैं.
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के तिलकनगर की स्वेच्छा तिवारी के पिता राजू तिवारी पिछले छह साल से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. नागपुर के डॉक्टरों ने किडनी बदलना जरूरी बताया था.
इस बीमारी से सहमे तिवारी परिवार के रिश्तेदारों व परिजनों के बीच किडनी दान देने के लिए रक्त परीक्षण का दौर शुरू हुआ, लेकिन किसी का भी रक्त मिलान सफल नहीं हो पाया. आखिरकार तिवारी की मंझली बेटी ने अपनी एक किडनी अपने पिता को देने की ठान ली. स्वेच्छा डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय में एमबीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है.
जब उसने मन में सोची बात से घर के लोगों को अवगत कराया तो वे इसके लिए राजी नहीं हुए. पिता ने भी साफतौर पर मना कर दिया था. लेकिन स्वेच्छा अपने जिद पर अड़ी रही और अंतत: पिता को देखने के बहाने वह परिवारों वालों के साथ नाडियाड पहुंच गई.
वहां उसके मामा का रक्त परीक्षण किया गया, लेकिन रक्त मिलान सफल नहीं हो सका. अंत में स्वेच्छा की बात सबको माननी पड़ी. इसके बाद किडनी का सफल प्रत्यारोपण हुआ. अब दोनों स्वस्थ हैं.