छत्तीसगढ़ में बने दण्डकारण्य बटालियन- रमन
रायपुर | संवाददाता: रमन सिंह ने सेना की नगा बटालियन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य बटालियन का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि इससे राज्य के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के युवाओं को देश की सेवा के लिए भारतीय सेना में शामिल होने के साथ-साथ रोजगार का भी अवसर मिल सकेगा. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद सेना, नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की यह पहली कॉन्फ्रेंस थी.
इसमें भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना में छत्तीसगढ़ के युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी बढ़ाने पर भी विशेष रूप से बल दिया. उन्होंने कहा कि सेना भर्ती रैली के आयोजन के पहले यहां के युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि भर्ती रैली में हमारे प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को अवसर मिल सके.
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय सेना के अधिकारी छत्तीसगढ़ के जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों से सम्पर्क कर राज्य के भूतपूर्व सैनिकों की रूचि के अनुरूप उन्हें लाईवलीहुड कॉलेजों में सेवा देने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि प्रदेश के युवाओं को उनका लाभ मिल सके.
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में छह हजार भूतपूर्व सैनिक हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि बिलासपुर के चकरभाटा में सेना के ट्रेनिंग सेंटर खुलने के साथ ही एयरपोर्ट भी विकसित करने की पहल की जा रही है. इससे निश्चित ही बिलासपुर की एक नई पहचान बनेगी.
कॉफ्रेंस में राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने बताया कि बिलासपुर के निकट चकरभाटा में सेना के प्रशिक्षण केन्द्र के लिए बिलासपुर में भूमि आवंटित की जा चुकी है, जबकि बिलासपुर सहित जगदलपुर और जशपुर में पॉलीक्लिनिक के लिए भी आवश्यकतानुसार जमीन दी जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि में छत्तीसगढ. के पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय, मेजर जनरल मुख्य भारत क्षेत्र (जबलपुर) धरमवीर सिंह राणा, मेजर जनरल सेंट्रल कमाण्ड लखनऊ प्रदीपराज सिंह चौधरी, छत्तीसगढ़ एवं ओड़िशा सब एरिया के ब्रिगेडियर जे.एस. संधु, विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) डी.एम. अवस्थी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.