छत्तीसगढ़ ने अदालत की अवमानना का रिकार्ड बनाया
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में अदालत की अवमानना का रिकार्ड क़ायम हो रहा है. सरकारी अधिकारी अदालती निर्देशों का पालन करने में मनमानी दिखा रहे हैं और अंततः फरियादी को फिर से अदालत की शरण लेनी पड़ रही है.
इनमें कुछ मामले निजी क्षेत्र के भी हैं लेकिन उनके अनुपालन की भी जिम्मेवारी सरकारी अधिकारियों की ही है.
पिछले महीने भर में ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना के 11 मामले सामने आये हैं.
अगर आंकड़ों की बात करें तो पहली बार कांग्रेस पार्टी की सरकार में अदालत की अवमानना के आंकड़े अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ चुके हैं. हालत ये है कि पिछली सरकार के मुकाबले अदालत की अवमानना के दोगुने से अधिक मामले सामने आये हैं.
आंकड़ों के अनुसार 2015 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना के 380 मामले लंबित थे. 2016 में यह आंकड़ा 412 पर जा पहुंचा.
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में ही 2017 में अदालत की अवमानना के 500 मामले सुनवाई के लिये लंबित थे. वहीं कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते तक दिसबंर 2018 में अदालत की अवमानना के कुल मामलों की संख्या 810 तक पहुंच गई.
लगातार होते तबादलों और नौकरशाहों के कामकाज के लिये चर्चित कांग्रेस पार्टी की सरकार में दिसंबर 2019 में हाईकोर्ट की अवमानना के मामलों की संख्या 1061 पहुंच गई.
अगर इस साल की बात करें तो इस साल अवमानना के मामलों की संख्या बढ़ कर 1350 से अधिक पहुंच गई है.