छत्तीसगढ़: IAS तायल को समर्थन मिला
रायपुर | संवाददाता: अटैच्ड IAS अफसर तायल का समर्थन विपक्ष कर रहा है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा है कि ब्रिटिश जमाने में बने अखिल भारतीय सर्विस नियमों की फिर से समीक्षा की जानी चाहिये. वहीं विपक्षी छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आईएएस शिव अनंच तायल के हटाने को असहिष्णुता करार दिया है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर शिव अनंत तायल को फेसबुक पर भाजपा के प्रेरणास्त्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने के कारण जिला पंचाय के सीईओ के पद से हटाकर मंत्रालय अटैच्ड कर दिया गया है.
शुक्रवार को ही तायल ने फेसबुक पर यह पोस्ट की थी. भाजपा के प्रेरणास्त्रोत और केंद्र और विभिन्न राज्यों सरकारों के रोल मॉडल पं. दीनदयाल उपाध्याय के बारें जो पोस्ट किया था उससे विवाद की स्थिति बन गई थी.
विवाद बढ़ते देख युवा अफसर ने पं. दीनदयाल के बारें में अपने पोस्ट को डिलीट कर दिया और फिर एक माफीनामा भी चस्पा किया. लेकिन राज्य सरकार ने तायल के इस माफीनामे को नज़रअंदाज़ कर दिया.
2012 बैच के आईएएस अफसर शिव अनंत तायल ने शुक्रवार सुबह 9 बजे अपने फेसबुक के वॉल पर लिखा था कि लेखक या विचारक के रूप में उपाध्याय का एक भी ऐसा काम नहीं, जिससे उनकी विचारधारा समझी जा सके. इंटरनेट पर भी उनके दो-चार लेक्चर मिलते हैं.
आईएएस तायल ने फेसबुक पोस्ट में कहा था- वेबसाइटों में एकात्म मानववाद पर उपाध्याय के सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं. वह भी पहले से स्थापित आइडियाज थे. उपाध्याय ने कोई चुनाव भी नहीं लड़ा. इतिहासकार रामचंद गुहा की पुस्तक मेकर्स ऑफ मार्डन इंडिया में आरएसएस के तमाम बड़े लोगों का जिक्र लेकिन उसमें उपाध्याय कहीं नहीं. मेरी अकादमिक जानकारी के लिए कोई तो पंडित उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डाले.
आईएएस की ये पोस्ट सामने आते ही हंगामा खड़ा हो गया था. भाजपा के साथ ही सरकर की नाराजगी भी इसको लेकर जाहिर हो गई. सरकार ने 2012 बैच के इस आईएएस को तुरंत कांकेर से हटाकर सचिवालय से अटैच कर दिया.
सरकार की इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अब आईएएस के पक्ष में उतर आये हैं. जोगी ने कहा कि जरूरत है कि अब अखिल भारतीय सर्विस नियमों पर एक बार फिर से समीक्षा की जाये. इसके बहुत से नियम ब्रिटिश काल के हैं जो अब अनुपयुक्त हैं.
जोगी ने कहा सोशल मीडिया जैसे मंचों पर रखी गई राय को कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं मानना चाहिये.
वहीं विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और सरकार का यह आचरण असुरक्षा और असहिष्णुता का एक बड़ा उदाहरण है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा जाना चाहिये.